Supreme court statement on nude advertisement : नई दिल्ली: मध्यप्रदेश से एक चोंका देने वाला मामला सामने आया है दरअसल छात्र आनंद प्रकाश चौधरी यूट्यूब की मदद से एमपी पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए ऑनलाइन एजुकेशनल वीडियो देखकर पढ़ाई करता था। कई बार वीडियो के बीच में अश्लील विज्ञापन भी आते रहते थे। इस कारण से आनंद प्रकाश का पढ़ाई में मन नहीं लगता था।
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लिहाजा, जिस परीक्षा के लिए वह ऑनलाइन तैयारी कर रहा था, उसमें फेल हो गया। इन्हीं अश्लील कंटेंट के कारण परीक्षा में फेल हुए छात्र ने यूट्यूब पर केस करते हुए 75 लाख रुपए का हर्जाना मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्टूडेंट की याचिका को सबसे घटिया याचिका करार देते हुए केस को खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए स्टूडेंट पर 25 हजार रुपए का फाइन लगा दिया।
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Supreme court statement on nude advertisement मामला आर्टिकल 19(b) के तहत कोर्ट में दर्ज किया गया था। इस मामले के जस्टिस संजय किशन कौल ने विद्यार्थी पर एक लाख रुपये का कोर्ट का समय बर्बाद करने के ऐवज में फाइन लगाया था लेकिन, छात्र की बड़ी मिन्नतें करने के बाद कोर्ट ने इसे 25 हजार किया। कोर्ट ने विद्यार्थी से कहा कि यदि आपको न्यूड कंटेंट दिख रहे थे यूट्यूब पर आपको उसे नहीं देखना चाहिए था।