स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 : वेस्ट जोन में भोपाल ने मारी बाजी, मिला पहला स्थान, जानें अन्य जिलों का हाल
Swachh Survekshan Rural 2022: Bhopal won in West Zone, got first place, know the condition of other districts
Swachh Survekshan Rural 2022: भोपाल-:ग्रामीण क्षेत्रों के स्वच्छता के 2022 के इम्तिहान में मध्यप्रदेश समेत भोपाल के गांवों ने बाजी मारी है। दरअसल, स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के परिणाम गुरुवार को घोषित हुए। वेस्ट जोन श्रेणी में मध्यप्रदेश को देश में पहला और वेस्ट जोन में ही भोपाल को पहला स्थान मिला है। आश्चर्य की बात यह है कि देश का सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल इंदौर ग्रामीण क्षेत्रों की सफाई में पिछड़ गया, लिहाजा तीसरे पायदान पर ही इंदौर को संतोष करना पड़ा।
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टैक्स की राशि गांवों की स्वच्छता में लगाई गई
Swachh Survekshan Rural 2022: अधिकारियों ने बताया कि भोपाल जिले के कुल 187 पंचायत और 466 गांवों ने स्वच्छता की परीक्षा पास की। वही सर्वेक्षण के लिए भोपाल जिला पंचायत ने अपने स्तर पर अलग तैयारियां की थीं। इसमें सबसे अहम योगदान दिया स्वच्छता कर ने..जो ग्रामीणों से वसूला जाता था…जिला पंचायत के आंकड़े बताते हैं कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये ग्रामीण क्षेत्रों से स्वच्छता के रूप में वसूले गए। इस टैक्स की पूरी राशि गांवों की स्वच्छता में लगाई गई।
भोपाल शहर को मिला पहले पायदान का खिताब
Swachh Survekshan Rural 2022: इसके अलावा स्वच्छता मित्र ओडीएफ की जागरूकता के लिए सास-बहू की दौड़ प्रतिस्पर्धा में गांवों में गीले, सूखे और हरित कचरे की कंपोस्ट यूनिट की स्थापना की साथ ही गोबर गैस प्लांट…दो पहर की सफाई के साथ डक्ट और कूड़ादान की व्यवस्था की गई। साफ सफाई की मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी शहरों की तर्ज पर की गई। गांवों से लेकर जनपद और जिला पंचायत तक त्रि स्तरीय निगरानी से व्यवस्था में सुधार हुआ। मजह दो करोड़ रुपये के खर्च और जागरूकता अभियानों की बदौलत भोपाल को पहले पायदान का खिताब हासिल हुआ।
भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कही ये बात
Swachh Survekshan Rural 2022: वही इस बारे में जानकारी देते हुए भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि गांवों में सफाई व्यवस्था का प्रारूप भी नगरीय निकायों की तर्ज पर तैयार किया गया था। सफाई व्यवस्था में ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिला। इस दौरान दर्जनों नवाचारों से हालात में सुधार हुआ और अब राजधानी भोपाल के ग्रामीण अंचल को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी कदम बढ़ा दिए गए हैं।

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