Betul News: बेटी के प्रेम विवाह की सजा, विधवा मां को सुनाया तुगलकी फरमान, बोले – समाज में रहना है तो..
The angry society told Tughlaqi Farman to the widowed mother, बेटी के प्रेम विवाह की सजा, विधवा मां को सुनाया तुगलकी फरमान
The angry society told Tughlaqi Farman to the widowed mother
The angry society told Tughlaqi Farman to the widowed mother: बेतुल। बेटी के प्रेम विवाह से नाराज़ समाज ने एक विधवा मां को तुगलकी फरमान सुनाया है । बेटी दामाद को गांव से बाहर करने पर ही महिला को समाज मे रहने का हुक्म दिया है । यह शर्मशार करने वाली घटना मध्यप्रदेश के बैतूल कोतवाली क्षेत्र के मलसिवनी गांव की है जहां देवकाज करने की अनुमति लेने गई एक महिला के साथ गांव के भगत कोटवार और ग्रामीण ने मारपीट कर घायल कर दिया घायल महिला को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है की घटना की जानकारी 100 डायल के माध्यम से मिली थी।
डेढ़ साल पहले हुई थी शादी
दरअसल, मलसिवनी गांव की रहने वाली उर्मिला की बेटी ज्योति ने लगभग डेढ़ साल पहले पड़ोस के गांव के आदिवासी लड़के से शादी कर ली थी। दोनों गांव से बाहर चले गए थे, लेकिन मां की तबियत बिगड़ने की सूचना ज्योति को अपने गांव वापस ले आई। अब वह अपनी मां की सेवा कर उसके पास रहना चाहती थी, लेकिन समाज के लोगो को ये मंजूर नहीं था। लगातार उसकी मां को बेटी और उसके पति को गांव से बाहर निकालने के लिए समाज से बहिस्कृत करने की बात कह कर प्रताड़ित कर रहे थे। जब वे अपने मनसूबे में कामयाब नही हो पाए तो आगामी शिवरात्रि के लिए देवकाज़ की अनुमति लेने पहुंची उर्मिला पर समाज का रोब झाड़ते हुए समाज के भगत लक्ष्मी नारायण , कोटवार कन्हैया और गांव के कुछ लोगों ने उसके साथ दबंगई से मारपीट कर उसे घायल कर दिया। मां के साथ हुई मारपीट की जानकारी लगते ही उसकी बेटी और कुछ पारीजनो ने तत्काल उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल भर्ती किया।
अंतरजातीय विवाह करने की सजा
पीड़ित महिला की बेटी का कहना है, कि मैंने अंतरजातीय विवाह किया है। मेरी मां की ताबियत खराब होने के कारण हम उसकी देख रेख के लिए उसके पास रहने आ गए, जिसकी वजह से समाज वालो को दिक्कत हो रही है. जिसको लेकर वो दो तीन महीने से लगातार मेरी मम्मी को प्रताड़ित कर रहे है। इनका कहना है कि ये लोग विवाह करने वाले को समाज मे स्वीकार नही करेंगे मा से कह रहे थे, कि अगर तुम्हें समाज में रहना है तो अपनी बेटी और उसके पति को गांव से बाहर कर दे। इनका नाम अपनी जमीन से भी कटवा द। मैं मेरी मां के साथ रहना चाहती हूं क्योंकि मेरे पिता का देहांत हो गया है मेरी मां भी बेवा है, मेरी दादी भी बेवा है, मेरी मां की कोई दूसरी संतान भी भी नही है वो अकेली है। उर्मिला बाई की बेटी ने आदिवासी समाज के लड़के से कोर्ट मैरिज की है। हमारे कटिया समाज के लोग उनको अपनी समाज मे रखना नहीं चाह रहे है।
अभी तक इस मामले की कोई शिकायत नहीं
समाज के लोगों का कहना है कि इनको दुर रखोगे तो हम तुमको समाज में रखेंगे या फिर इनको गांव से बाहर रखो तब हम तुमको समाज में रखेंगे। अन्यथा आपको समाज में नहीं रखेंगे इस प्रकार से बहुत प्रताड़ित कर रहे हैं। यह दो-तीन महीने से चल रहा है। अभी तक इस मामले की कोई शिकायत नहीं की गई है। एक बार घर से बाहर निकाल लिया था, उसकी तबीयत खराब हो गई थी। उसके बाद उसको अस्पताल ले जाकर सेवा की तब से ये साथ में रह रहे है। घटना के समय जब वह समाज के लोगों से पूछने गई कि मेरे देव काम के लिए जो रोटी भाजी का काम करना है। इस बात को लेकर के वहां विवाद हो गया और परिवार का जो भगत है उसने से जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेन रोड पर गिरकर घायल हो गई। इन लोगों को कहना है कि आदिवासी को तुम घर में रखे तुमको समाज में नहीं बैठेंगे।

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