शह मात The Big Debate: एक गिरफ्तारी..चौतरफा शोर, MP में सियासत घनघोर? मंजीत घोषी की गिरफ्तारी क्यों बना सियासी मुद्दा?

MP Politics: एक गिरफ्तारी..चौतरफा शोर, MP में सियासत घनघोर? मंजीत घोषी की गिरफ्तारी क्यों बना सियासी मुद्दा?

शह मात The Big Debate: एक गिरफ्तारी..चौतरफा शोर, MP में सियासत घनघोर? मंजीत घोषी की गिरफ्तारी क्यों बना सियासी मुद्दा?
Modified Date: November 22, 2025 / 11:50 pm IST
Published Date: November 22, 2025 11:50 pm IST
HIGHLIGHTS
  • नरसिंहपुर से कांग्रेस कार्यकर्ता मंजीत घोसी की गिरफ्तारी पर सियासी जंग
  • बीएनएस धारा 152 के तहत मामला दर्ज
  • जिसमें आजीवन कारावास तक का प्रावधान

भोपाल: MP Politics नरसिंहपुर से कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी से एमपी की सियासत में भूचाल आ गया है। दिल्ली पुलिस ने नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा से मंजीत घोसी नाम के कांग्रेस कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भाजपा सरकारों के खिलाफ ख़ासा एक्टिव था। घोसी ने बिहार चुनाव और एसआईआर से जुड़े वीडियो पोस्ट किए थे जिनमें उसने बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाया था। घोसी के खिलाफ जब देश की एकता-अखंडता को खतरे में डालने का अपराध दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है तो कांग्रेस इसे तानाशाही बताकर मैदान में आ गई है तो भाजपा, कानून को अपना काम करने देने की नसीहत दे रही है।

MP Politics नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ दिख रहा ये शख्स, मंजीत घोसी है जो बीजेपी सरकारों के खिलाफ सोशल मीडिया में ख़ासा एक्टिव था। मंजीत ने हाल ही में बिहार चुनाव और SIR पर कई पोस्ट किए गए थे। बताया जा रहा है कि घोसी ने जिन वीडियो का इस्तेमाल किया, वो कथित रूप से भ्रामक थे, जिसके चलते दिल्ली और राजस्थान में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंजीत घोषी को नरसिंहपुर से गिरफ्तार किया.. मंजीत घोसी की इस गिरफ्तारी का विरोध भी हुआ। कांग्रेस नेता एसपी ऑफिस में धरने पर बैठ गए। मंजीत के भाई ने गिरफ्तारी का कारण ना बताए जाने और इससे पहले कोई नोटिस भी नहीं दिए जाने का आरोप लगाया तो नरसिंहपुर एसपी ने कार्यवाई दिल्ली और राजस्थान पुलिस की बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

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मंजीत के खिलाफ बीएनएस की धारा 152 के तहत अपराध दर्ज किया गया। ये धारा देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने के अपराध पर लगाई जाती है। इसमें विंध्वसक गतिविधियों और अलगाववादी भावनाओं को उकसाने का अपराध भी शामिल होता है जिसमें 7 साल की कैद से आजीवन कारावास तक की सज़ा का प्रावधान है।मंजीत पर इतनी गंभीर धारा लगाए जाने पर सियासत भी शुरु हो गई।

कमलनाथ, विवेक तन्खा, जीतू पटवारी, उमंग सिंघार सबने सोशल मीडिया में पोस्ट कर गिरफ्तारी को सरकारी तानाशाही बताना शुरु कर दिया और मंजीत के साथ खड़े होने की बात कही। दूसरी तरफ भाजपा ने कहा कि गिरफ्तारी किसी गंभीर अपराध पर ही हुई है लिहाजा कांग्रेस को अभी से हाय तौबा मचाने की बजाय कानून की राह में रोड़े नहीं अटकाना चाहिए।

हालांकि दिल्ली पुलिस अभी भी मंजीत की गिरफ्तारी की पुख्ता वजह नहीं बताई गई है लेकिन चर्चा है कि मंजीत ने वोट चोरी के आरोप के साथ जो वीडियो शेयर किए थे वो पुराने हैं या उनका बिहार चुनाव से कोई ताल्लुक नहीं था। मगर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रद्रोह को लेकर मंजीत की गिरफ्तारी पर सियासी जंग छिड़ गई है।

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