आंध्र शराब घोटाला : आरोपपत्र में पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को रिश्वत प्राप्तकर्ता बताया गया

आंध्र शराब घोटाला : आरोपपत्र में पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को रिश्वत प्राप्तकर्ता बताया गया

आंध्र शराब घोटाला : आरोपपत्र में पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को रिश्वत प्राप्तकर्ता बताया गया
Modified Date: July 20, 2025 / 06:04 pm IST
Published Date: July 20, 2025 6:04 pm IST

अमरावती, 20 जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा 3,500 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में एक स्थानीय अदालत में दायर आरोप पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नाम का उल्लेख रिश्वत प्राप्तकर्ता के तौर पर किया गया है।

आरोप पत्र के अनुसार, उन्हें हर महीने औसतन 50 से 60 करोड़ रुपये तक की रिश्वत मिली।

हालांकि, शनिवार को दायर 305 पृष्ठों के आरोपपत्र में जगन का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है। अदालत ने अभी तक आरोपपत्र पर संज्ञान नहीं लिया है।

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पुलिस की ओर से दायर आरोपपत्र के मुताबिक, ‘‘एकत्रित राशि अंततः केसिरेड्डी राजशेखर रेड्डी (ए-1) को सौंप दी गई। इसके बाद राजशेखर रेड्डी ने यह राशि विजय साई रेड्डी (ए-5), मिथुन रेड्डी (ए-4), और बालाजी (ए-33) को सौंप दी, जिन्होंने इसे पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को हस्तांतरित कर दिया। औसतन हर महीने 50-60 करोड़ रुपये की वसूली होती थी।’’

आरोपपत्र में खुलासा किया गया है कि 3,500 करोड़ रुपये के पूरे शराब घोटाले के ‘मास्टरमाइंड और सह-षड्यंत्रकारी’ राजशेखर रेड्डी ने आबकारी नीति में हेरफेर को प्रभावित करने के अलावा स्वचालित ओएफएस (आपूर्ति के लिए आदेश) को मैनुअल प्रक्रिया से बदलने में अहम भूमिका निभाने के अलावा एपीएसबीसीएल (आंध्र प्रदेश राज्य पेय पदार्थ निगम लिमिटेड) में अपने वफादार कर्मचारियों को नियुक्त करवाया।

आरोपपत्र में कहा गया है कि उन्होंने कथित तौर पर फर्जी शराब बनाने वाली भट्टियां बनाईं और एक अन्य आरोपी बालाजी गोविंदप्पा के माध्यम से जगन को रिश्वत दी।

राजशेखर रेड्डी ने आरोपी चेविरेड्डी भास्कर रेड्डी (पूर्व विधायक) के साथ मिलकर वाईएसआरसीपी पार्टी की ओर से चुनावों के लिए 250-300 करोड़ रुपये तक की नकदी भेजी और 30 से अधिक फर्जी फर्मों के माध्यम से धन शोधन भी किया।

यह राशि दुबई और अफ्रीका में जमीन, सोना, विलासिता की वस्तुएं खरीदने में निवेश की गई।

पुलिस ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान शराब की आपूर्ति और बिक्री पर पूर्ण नियंत्रण रखने के इरादे से नयी शराब नीति को लागू कराया था।

आरोपपत्र में कहा गया, ‘‘आरोपियों ने आबकारी नीति और इसके तौर-तरीकों में बदलाव की योजना बनाई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें बड़ी रिश्वत मिले, इस तरह की रिश्वत का अधिकांश हिस्सा नकद, सोने की ईंटों आदि के रूप में प्राप्त हुआ।’’

भाषा रवि कांत दिलीप

दिलीप


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