महाराष्ट्र में धूमधाम से हुआ बप्पा का आगमन, घर-घर विराजे गणपति

महाराष्ट्र में धूमधाम से हुआ बप्पा का आगमन, घर-घर विराजे गणपति

महाराष्ट्र में धूमधाम से हुआ बप्पा का आगमन, घर-घर विराजे गणपति
Modified Date: August 27, 2025 / 05:08 pm IST
Published Date: August 27, 2025 5:08 pm IST

मुंबई, 27 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र में मुंबई, पुणे समेत सभी अन्य भागों में गणेश चतुर्थी से दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हुई। लोगों ने गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से अपने प्रिय बप्पा का स्वागत किया और घरों, आवासीय परिसरों के साथ-साथ सार्वजनिक पंडालों में भगवान गणपति विराजमान हुए।

सुबह-सुबह ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’ के जयकारों से पूरा शहर गूंजायमान हुआ। लोग ढोल-ताशों की थाप पर नाचते-गाते और जश्न मनाते हुए, भगवान गणेश की छोटी, मध्यम और बड़े आकार की मूर्तियां अपने-अपने घरों, परिसरों और पंडालों में स्थापना के लिए ले गए।

समृद्धि के अग्रदूत और विघ्नहर्ता कहलाने वाले भगवान गणपति के स्वागत के लिए पूरे मुंबई में भव्य सजावट की गई है।

 ⁠

महाराष्ट्र सरकार ने इस वर्ष पहली बार गणेशोत्सव को राज्य उत्सव के रूप में घोषित किया है।

उत्सव के दौरान इन दस दिनों में राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा कई उपक्रम, कार्यक्रम, समारोह और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

सभी मंडलों से आग्रह किया गया है कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज के उन 12 किलों – जिन्हें ‘यूनेस्को’ (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त है – के साथ-साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और स्वदेशी भावना के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने की दिशा में पहल करें।

मुंबई में गणेश मंडलों (सार्वजनिक स्थानों पर त्योहार मनाने वाले समूह) की सर्वोच्च समन्वय संस्था ‘बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति’ ने अपने सदस्यों से त्योहार के सुचारू और अनुशासित आयोजन को सुनिश्चित करने की अपील की है।

समिति ने मंडलों से आगामी नगर निगम चुनाव के मद्देनजर त्योहार को गैर-राजनीतिक रखने का भी आग्रह किया है और इस बात पर जोर दिया है कि गणेशोत्सव संस्कृति और भक्ति में निहित है।

मुंबई पुलिस के अनुसार, उसके 17,600 जवान महानगर की सड़कों पर तैनात रहेंगे। घुड़सवार पुलिस दस्ता, ड्रोन, बम निरोधक दस्ता और श्वान दस्ते भी उनकी व्यापक तैनाती का हिस्सा हैं।

त्योहार के दौरान लाखों भक्त ‘लालबाग का राजा’ जैसे कुछ लोकप्रिय पंडालों में दर्शन के लिए आते हैं। इस क्षेत्र के अन्य प्रसिद्ध मंडलों में चिंचपोकली, गणेश गली और तेजुकाया शामिल हैं।

सोने के आभूषणों से सुसज्जित भगवान गणेश की प्रतिमा के लिए मशहूर किंग्स सर्किल स्थित ‘जीएसबी’ सेवा मंडल सबसे धनी मंडलों में से एक माना जाता है।

पुणे में सुंदर रूप से सजाए गए एक रथ पर विराजित ‘श्रीमंत दगडूशेठ गणपति’ की मूर्ति को उस मंडप तक ले जाया गया, जिसकी थीम केरल के पद्मनाभस्वामी मंदिर पर आधारित थी।

पांच ‘मानाचे गणपति’ (प्रतिष्ठित गणपति) — कस्बा गणपति, तांबडी जोगेश्वरी गणपति, गुरुजी तालीम, तुलसीबाग गणपति और केसरीवाड़ा गणपति — की प्राण-प्रतिष्ठा भी भव्यता और भक्तिभाव के साथ संपन्न हुई।

‘श्रीमंत भाऊसाहब रंगारी गणपति’, ‘अखिल मंडई गणपति’ समेत कई अन्य मंडलों ने भी धूमधाम से गणेश प्रतिमाएं स्थापित कीं।

राज्य के अन्य शहरों ने भी इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए इसी प्रकार की व्यवस्था की है।

भाषा सुमित दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में