औरंगाबाद, एक फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बजट में राज्य के लिए कुछ भी नहीं है और यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के नेताओं और एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार की ‘विफलता’ को दर्शाता है।
शिवसेना नेता दानवे ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘महाराष्ट्र राज्य को केंद्रीय बजट से कुछ नहीं मिला है। सरकार द्वारा एक साल में दो करोड़ नौकरियां देने का दावा करने के बावजूद देश में बेरोजगारी के बारे में बात नहीं की गई है।’’
महाराष्ट्र में शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबंची शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधते हुए दानवे ने कहा, “यह महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार की विफलता है। उन्हें महाराष्ट्र के लिए बड़ा आवंटन लाना चाहिए था, लेकिन वे इसमें विफल रहे हैं।’’ दानवे औरंगाबाद से आते हैं।
औरंगाबाद और मराठवाड़ा में भी विपक्षी नेताओं ने केंद्रीय बजट की आलोचना की।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद इम्तियाज जलील ने इसे चुनावी बजट बताया। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि वेतनभोगी वर्ग ने हिमाचल प्रदेश में भाजपा की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसलिए उन्होंने इस वर्ग को राहत दी है और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा लाभ उठाने की कोशिश की है।’’
सांसद ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि सरकार ने किसानों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर चुप्पी साध रखी है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि महंगाई को कम करने के लिए बजट में कुछ भी ठोस नहीं है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में कमी आई है लेकिन केंद्र द्वारा ईंधन की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है।
चव्हाण ने कहा, ‘‘जब सरकार अपना खर्च बढ़ा रही है, तो रोजगार में वृद्धि क्यों नहीं हो रही है? सरकार ने पीएम आवास योजना के लिए धन में वृद्धि की है क्योंकि वे डरे हुए हैं क्योंकि पहले उन्होंने घोषणा की थी कि 2022 में सभी के पास घर होगा।’’
भषा अमित वैभव
वैभव
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