अदालत ने ऑटो रिक्शा यूनियन को प्रदर्शन के दौरान उबर सेवाओं में बाधा डालने से रोका

अदालत ने ऑटो रिक्शा यूनियन को प्रदर्शन के दौरान उबर सेवाओं में बाधा डालने से रोका

अदालत ने ऑटो रिक्शा यूनियन को प्रदर्शन के दौरान उबर सेवाओं में बाधा डालने से रोका
Modified Date: July 23, 2025 / 09:31 pm IST
Published Date: July 23, 2025 9:31 pm IST

मुंबई, 23 जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को पुणे में रिक्शा यूनियन को उनके प्रदर्शन के दौरान ऐप आधारित उबर की सेवाओं में बाधा डालने से रोक दिया और पुलिस से कहा कि यदि आवश्यक हो तो वह उनके वाहनों को सुरक्षा प्रदान करे।

उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने उच्च न्यायालय का रुख किया है, क्योंकि उसे आशंका है कि बाघतोय रिक्शावाला यूनियन और अन्य द्वारा घोषित प्रदर्शन के दौरान पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ शहरों में उसका परिचालन प्रभावित हो सकता है। यह विरोध प्रदर्शन बुधवार से शुरू होना था।

न्यायमूर्ति आर आई छागला ने कहा कि कंपनी ने ‘एकतरफा अंतरिम राहत देने के लिए प्रथम दृष्टया मज़बूत मामला’ बनाया है। एकतरफा आदेश किसी मुकदमे के किसी एक पक्ष की अनुपस्थिति में पारित किया गया आदेश होता है।

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अदालत ने यूनियन और उनके सदस्यों को उबर के ड्राइवर-सहयोगियों या यात्रियों को रोकने या उन पर हमला करने, और उसके कारोबार में दखलंदाज़ी करने से रोक दिया।

उच्च न्यायालय ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) को यह भी निर्देश दिया कि अगर कोई शिकायत मिलती है, तो उबर के वाहनों को तुरंत पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए।

अदालत ने कहा, ‘यातायात पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि उबर के वाहनों को सड़कों पर चलने से न रोका जाए, न ही उनके वाहनों या उनके मोबाइल उपकरणों को नुकसान पहुंचाया जाए। पुलिस वादी, उसके कर्मचारियों, ड्राइवर-सहयोगियों और उनकी संपत्ति या कार्यालयों को सभी आवश्यक पुलिस सहायता और सुरक्षा भी प्रदान करेगी।’

उबर की तरफ से पेश अधिवक्ता विराग तुलजापुरकर ने कहा कि ऑटो रिक्शा यूनियन उबर ड्राइवरों को धमका रही हैं, उन्हें काम करने से रोक रही हैं और वाहनों को भी नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने एक वाहन की तस्वीर भी दिखाई जिसमें पीछे का शीशा टूटा हुआ था। अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश


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