दाऊदी बोहरा उत्तराधिकार विवाद: अदालत ने सैयदना के रूप में मुफद्दल सैफुद्दीन की नियुक्ति बरकरार रखी

दाऊदी बोहरा उत्तराधिकार विवाद: अदालत ने सैयदना के रूप में मुफद्दल सैफुद्दीन की नियुक्ति बरकरार रखी

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  • Publish Date - April 23, 2024 / 08:36 PM IST,
    Updated On - April 23, 2024 / 08:36 PM IST

मुंबई, 23 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 2014 के एक मुकदमे को खारिज करते हुए दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें अल-दाई अल-मुतलक (नेता) के तौर पर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की नियुक्ति को बरकरार रखा।

इस मुकदमे में सैफुद्दीन की नियुक्ति को चुनौती दी गई थी।

न्यायमूर्ति गौतम पटेल की एकल पीठ ने कहा, ‘‘अदालत ने केवल सबूत के मुद्दे पर फैसला किया है, आस्था पर नहीं।’’

पीठ ने खुजैमा कुतबुद्दीन द्वारा शुरू में दायर किये गए मुकदमे को खारिज करते हुए यह कहा।

कुतबुद्दीन ने अपने भाई और तत्कालीन सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन का जनवरी 2014 में 102 साल की आयु में निधन होने के बाद यह वाद दायर किया था।

बुरहानुद्दीन के दूसरे बेटे मुफद्दल सैफुद्दीन ने इसके बाद सैयदना का पद संभाला था।

साल 2016 में कुतबुद्दीन के निधन के बाद उनके बेटे ताहिर फखरुद्दीन ने मुकदमे को आगे बढ़ाया और दावा किया कि उनके पिता ने उन्हें अपना पद दिया है।

इस मामले में अदालत से सैफुद्दीन को सैयदना के रूप में काम करने से रोकने का अनुरोध किया गया था।

कुतबुद्दीन ने अपने मुकदमे में दावा किया था कि उनके भाई बुरहानुद्दीन ने उन्हें माजून (दूसरे नंबर का अधिकारी) नियुक्त किया था और 10 दिसंबर, 1965 को माजून की घोषणा से पहले एक गुप्त ‘नास’ (उत्तराधिकार का चुनाव) के माध्यम से उन्हें निजी तौर पर अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था।

हालांकि, न्यायमूर्ति पटेल ने कहा कि वादी इस बात को साबित करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं कि उन्हें वैध तरीके से ‘नास’ के माध्यम से उत्तराधिकारी चुना गया था।

उन्होंने मुकदमे को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मैं कोई उथल-पुथल की स्थिति नहीं चाहता। मैंने फैसले को यथासंभव तटस्थ रखा है। मैंने केवल साक्ष्य के मुद्दे पर फैसला सुनाया है, आस्था के मुद्दे पर नहीं।’’

फखरुद्दीन ने दावा किया कि उनके पिता ने निधन से पहले उन्हें इस पद पर नियुक्त किया था।

दाऊदी बोहरा समाज शिया मुसलमानों में एक पंथ है। इस समुदाय के लोग परंपरागत रूप से कारोबार करते हैं। भारत में इसके पांच लाख से अधिक सदस्य हैं और दुनियाभर में इसकी आबाद 10 लाख से ज्यादा है।

भाषा वैभव सुभाष

सुभाष