देश में अधिकारों और न्याय के लिए लड़ना देशद्रोह बनता जा रहा: उद्धव

देश में अधिकारों और न्याय के लिए लड़ना देशद्रोह बनता जा रहा: उद्धव

देश में अधिकारों और न्याय के लिए लड़ना देशद्रोह बनता जा रहा: उद्धव
Modified Date: October 2, 2025 / 11:44 pm IST
Published Date: October 2, 2025 11:44 pm IST

मुंबई, दो अक्टूबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने लद्दाख में हुई हिंसा के सिलसिले में जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और कहा कि देश में अधिकारों एवं न्याय के लिए लड़ना देशद्रोह बनता जा रहा है।

यहां वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने भाजपा की तुलना ‘अमीबा’ से की जो शरीर में प्रवेश करने पर पेट दर्द का कारण बनता है और समाज में प्रवेश करने पर शांति भंग करता है।

ठाकरे ने कहा, ‘यह अपनी इच्छा से फैलता है, अपनी इच्छा से गठबंधन बनाता है और काम पूरा होने के बाद दूसरी पार्टी में चला जाता है। जब यह शरीर में प्रवेश करता है तो पेट में दर्द होता है और जब समाज में प्रवेश करता है तो शांति भंग होती है। इसीलिए मैं इसे ‘अमीबा’ कहता हूं।’

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उन्होंने कहा कि भाजपा और सुशासन के बीच कोई संबंध नहीं है।

ठाकरे ने हिंसाग्रस्त मणिपुर की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया यात्रा का जिक्र किया और कहा कि उन्हें वहां लोगों के आंसू नहीं दिखे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ गठबंधन पर ठाकरे ने कहा, ‘हमने (राज्य सरकार द्वारा पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए तीन-भाषा फार्मूले और हिंदी लागू करने संबंधी विवादास्पद सरकारी आदेशों को वापस लिये जाने के बाद, मनसे और शिवसेना (उबाठा) की ‘विजय रैली’ के संदर्भ में) पांच जुलाई को क्या किया।

हमने उनसे कहा था कि हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं। जहां कहीं भी मेरी मातृभाषा खतरे में है, मैं मराठी मानुष के बीच किसी भी तरह का विभाजन नहीं होने दूंगा।’

वांगचुक की गिरफ्तारी और महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा अधिनियम के बारे में बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि वांगचुक एक देशभक्त हैं, जिन्होंने भारतीय सेना के लिए सौर टेंट और पानी की कमी को दूर करने के लिए बर्फ के स्तूप विकसित किए।

ठाकरे ने कहा, ‘वह कल तक मोदी की प्रशंसा कर रहे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने (वांगचुक) लद्दाख के अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू किया, उन्हें रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। न्याय और अधिकार लोकतंत्र की बुनियादी आवश्यकताएं हैं। देश में न्याय और अधिकार मांगने को देशद्रोह करार दिया जाने लगा है।’

उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण और नीति यह बन गई है कि जो लोग विरोध करते हैं, उन्हें जेल भेज दिया जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम को लागू नहीं किया जाना चाहिए।

वांगचुक को लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद हिरासत में लिया गया था। बंद का उद्देश्य पूर्ण राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाना था। बंद के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और 40 पुलिसकर्मियों सहित 80 लोग घायल हो गए थे।

वांगचुक को 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था और फिलहाल वह राजस्थान की जोधपुर की जेल में बंद हैं।

ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चेतावनी दी कि वह शिवसेना (उबाठा) के हिंदुत्व पर सवाल न उठाए, अन्यथा वह भाजपा नेताओं को तस्वीरों के साथ बेनकाब करेंगे।

ठाकरे ने कहा कि भाजपा को पहले अपने झंडे से हरे रंग को हटाना चाहिए और उसके बाद शिवसेना (उबाठा) के हिंदुत्व को निशाना बनाना चाहिए।

ठाकरे ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पूछा, ‘क्या आप आरएसएस के 100 साल के प्रयासों से पैदा हुए ज़हरीले फलों (भाजपा की ओर इशारा करते हुए) से संतुष्ट हैं?’ नागपुर में दिन में आरएसएस की वार्षिक विजयादशमी रैली हुई।

महाराष्ट्र में बारिश से प्रभावित किसानों के लिए कर्जमाफी और प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की सहायता की मांग करते हुए ठाकरे ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार के पास बिहार में वोट खरीदने के लिए पैसा है, लेकिन बाढ़ग्रस्त महाराष्ट्र के लिए कोई कोष नहीं है।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से पहले भाजपा पर निशाना साधते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा एक बार फिर हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रही है।

भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए ठाकरे ने कहा कि बीएमसी चुनाव जीतने के बाद उनकी पार्टी नगर निकाय में कथित अनियमितताओं पर श्वेत पत्र जारी करेगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा इस शहर को व्यापारियों की नजर से देखती है, जबकि उनकी पार्टी इसे अपना मानती है।

ठाकरे ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता के रूप में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने भारी बारिश और बाढ़ के बाद राज्य में ‘‘आर्द्र सूखा’’ घोषित करने की मांग की थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री बनने के बाद दावा कर रहे हैं कि ऐसा कोई शब्द आधिकारिक अभिलेखों में नहीं है।

सत्तारूढ़ गठबंधन पर हमला बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया जा रहा है, लेकिन मंत्रियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है और साक्ष्य प्रस्तुत करने के बावजूद उन्हें पद से नहीं हटाया जाता।

शिवसेना (उबाठा) ने भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के कम से कम तीन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की है।

भाषा नोमान सुभाष

सुभाष


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