मेलघाट अभयारण्य में गिद्धों को छोड़े जाने से पहले वनकर्मियों को किया गया जागरूक

मेलघाट अभयारण्य में गिद्धों को छोड़े जाने से पहले वनकर्मियों को किया गया जागरूक

मेलघाट अभयारण्य में गिद्धों को छोड़े जाने से पहले वनकर्मियों को किया गया जागरूक
Modified Date: December 14, 2025 / 02:42 pm IST
Published Date: December 14, 2025 2:42 pm IST

मुंबई, 14 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मेलघाट बाघ अभयारण्य (एमटीआर) में गिद्धों को छोड़े जाने से पहले ‘बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ (बीएनएचएस) ने वनकर्मियों एवं अन्य संबंधित कर्मचारियों को पक्षी संरक्षण और उन्हें छोड़ने के बाद देखभाल के तरीकों के बारे में जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला आयोजित की।

इस पुनर्प्रवेश कार्यक्रम के तहत अप्रैल 2025 में हरियाणा के पिंजौर से ‘लॉन्ग-बिल्ड’ प्रजाति के 15 गिद्धों को लाया गया था और अभयारण्य में छोड़े जाने से पहले अमरावती जिले के मेलघाट में स्थित केंद्र में रखा गया था।

बीएनएचएस की विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले आठ महीनों में इन पक्षियों को स्वतंत्र रूप से शिकार तलाशने और स्थानीय पर्यावरण में ढलने का प्रशिक्षण दिया गया और उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही अभयारण्य में छोड़ दिया जाएगा।

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बीएनएचएस और राज्य वन विभाग ने 12 दिसंबर को अकोला जिले के आकोट वन्यजीव प्रभाग के शाहानूर में ‘ब्रिंगिंग बैक द एपेक्स स्कैवेंजर’ शीर्षक कार्यशाला का आयोजन किया। इसका उद्देश्य पशु चिकित्सकों, वनकर्मियों और अन्य कर्मचारियों को गिद्ध संरक्षण और उन्हें छोड़ने के बाद की देखभाल के बारे में जागरूक करना था।

भाषा खारी सिम्मी

सिम्मी


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