भाषा थोपने या उसका अंधाधुंध विरोध करने से राष्ट्रीय एकजुटता नहीं हासिल होगी: पवन कल्याण
भाषा थोपने या उसका अंधाधुंध विरोध करने से राष्ट्रीय एकजुटता नहीं हासिल होगी: पवन कल्याण
अमरावती, 15 मार्च (भाषा) आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शनिवार को कहा कि न तो किसी भाषा को जबरन थोपने और न ही उसका अंधाधुंध विरोध करने से राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकजुटता हासिल होती है।
अभिनेता से नेता बने कल्याण ने कहा कि उन्होंने ‘‘कभी हिंदी भाषा का विरोध नहीं किया’’ बल्कि उन्होंने केवल ‘‘इसे अनिवार्य बनाने का विरोध किया है।’’
जनसेना पार्टी के प्रमुख ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘किसी भाषा को जबरन थोपना या फिर उसका अंधाधुंध विरोध करना, दोनों ही हमारे भारत में राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकजुटता के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद नहीं करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि चूंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में हिंदी को अनिवार्य नहीं किया गया है, इसलिए ‘‘इसे लागू करने के बारे में झूठी बातें फैलाना केवल जनता को गुमराह करने का एक प्रयास है।’’
कल्याण के अनुसार, एनईपी 2020 के तहत छात्रों को एक विदेशी भाषा के साथ-साथ अपनी मातृभाषा सहित कोई भी दो भारतीय भाषाएं सीखने की सुविधा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे हिंदी नहीं पढ़ना चाहते तो वे तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़, मराठी या भारत की कोई भी अन्य भाषा चुन सकते हैं।’’
भाषा प्रीति प्रशांत
प्रशांत

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