मुंबई, 17 मार्च (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में कहा है कि शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासियों को ‘खिचड़ी’ वितरित करने के लिए मुंबई के नगर निकाय से कार्य आदेश प्राप्त करने के वास्ते ‘वरिष्ठ नेता और प्रभावशाली व्यक्तियों’ के साथ अपनी निकटता का इस्तेमाल किया।
ईडी ने चव्हाण को ‘खिचड़ी’ वितरण में कथित अनियमितताओं से संबंधित धनशोधन मामले में 18 जनवरी को गिरफ्तार किया था।
धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) से संबंधित मामलों के विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे के समक्ष शुक्रवार को आरोप-पत्र दायर किया गया।
आरोप पत्र में कहा गया है कि चव्हाण ने खिचड़ी आपूर्ति के काम में कोई भूमिका नहीं निभाई और फोर्स वन मल्टी सर्विसेज से अवैध धन प्राप्त करने के लिए खुद को फर्म के कर्मचारी के रूप में पेश किया।
धनशोधन का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की एक प्राथमिकी पर आधारित है। जांच एजेंसी के अनुसार, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कोरोना महामारी के दौरान प्रवासियों के बीच ‘खिचड़ी’ के पैकेट के वितरण के लिए ‘फोर्स वन मल्टी सर्विसेज’ के बैंक खाते में 8.64 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए।
जांच एजेंसी के अनुसार, ‘फोर्स वन मल्टी सर्विसेज’ ने अपराध से 3.64 करोड़ रुपये की कमाई अर्जित की, जिसमें से 1.25 करोड़ रुपये चव्हाण के निजी बैंक खाते में और 10 लाख रुपये उनकी साझेदारी वाली कंपनी ‘फायर फाइटर्स एंटरप्राइजेज’ के बैंक खाते में भेज दिए गए।
इस तरह, चव्हाण ने गलत तरीके से अपराध की कमाई अर्जित की। ईडी ने कहा है कि 1.35 करोड़ रुपये का इस्तेमाल उन्होंने संपत्ति खरीदने और डेयरी व्यवसाय में निवेश के लिए किया।
भाषा
सुरेश माधव
माधव
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