अदालतों के समक्ष गवाही देने वाले अधिकारियों के लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश बरकरार |

अदालतों के समक्ष गवाही देने वाले अधिकारियों के लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश बरकरार

अदालतों के समक्ष गवाही देने वाले अधिकारियों के लिए एसओपी तैयार करने के निर्देश बरकरार

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Modified Date: April 18, 2025 / 09:12 PM IST
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Published Date: April 18, 2025 9:12 pm IST

मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बीड सत्र न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालतों के समक्ष गवाही देने वाले अधिकारियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के निर्देश को बरकरार रखा है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की खंडपीठ ने यह कहते हुये पुलिस महानिदेशक को न्यायाधीश द्वारा लिखे गए पत्र को रद्द करने से इनकार कर दिया कि इसे जारी करने में सुनवाई अदालत के न्ययाधीश की ओर से उसे कोई कमी या अवैधता नहीं मिली।

अदालत ने 16 अप्रैल को नवी मुंबई के नेरुल पुलिस थाना से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक ब्रह्मानंद नाइकवाड़ी द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें न्यायाधीश के 22 जनवरी के पत्र को रद्द करने का अनुरोध किया गया था, जिसमें डीजीपी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गवाही देने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने का निर्देश दिया गया था ।

यह पत्र 2014 के एक मामले की सुनवाई के दौरान जनवरी में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से साक्ष्य देते समय याचिकाकर्ता के अनुचित आचरण के बाद जारी किया गया था।

भाषा रंजन धीरज

धीरज

 

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