वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं पर कथित अत्याचार को लेकर जगन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा
वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं पर कथित अत्याचार को लेकर जगन ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा
अमरावती (आंध्र प्रदेश), 19 जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य में विपक्षी युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेता वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) एवं उसके सहयोगियों द्वारा उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर कथित अत्याचार किए जाने की शिकायत की है।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि मात्र एक महीने में 31 लोगों की हत्या कर दी गई, 35 लोगों ने आत्महत्या कर ली, 560 निजी एवं 490 सरकारी संपत्तियों को नष्ट कर दिया गया तथा 2,700 लोगों को अपने गांवों से भागने पर मजबूर होना पड़ा।
रेड्डी ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार की मध्य रात्रि में साझा किए गए पत्र में कहा, ‘‘इसके अलावा हिंसा और हमलों की 1,050 से अधिक घटनाएं हुई हैं। यह वर्तमान सरकार में हमारे राज्य की स्थिति को दर्शाता है, जो कानून और व्यवस्था बनाए रखने की कतई इच्छुक नहीं है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, ये घटनाएं वाईएसआरसीपी को ‘‘दबाने’’ की एक नापाक साजिश का हिस्सा हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य ‘‘पार्टी से जुड़े हर व्यक्ति को राजनीतिक परिदृश्य से हटाना’’ है।
जगन ने यह पत्र विनुकोंडा में वाईएसआरसीपी कार्यकर्ता शेख राशिद की हत्या के बाद लिखा है। जगन मोहन रेड्डी का राशिद के परिवार से शुक्रवार को मिलने का कार्यक्रम है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब हो गई है और राज्य अब इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम चुनाव के बाद हुई घटनाओं की जांच केंद्र सरकार की एजेंसी से कराने का अनुरोध करते हैं।’’
रेड्डी ने आरोप लगाया कि राज्य में लोकतांत्रिक सरकार होने के कोई संकेत नहीं हैं तथा संविधान, कानून एवं राजनीतिक व्यवस्था काम नहीं कर रही है।
इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि 27 भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी और 24 भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों को तैनाती नहीं दी गई जिसका कारण तेलुगु देशम पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को ही ‘‘बेहतर पता’’ होगा।
रेड्डी ने इन घटनाक्रम के मद्देनजर, पिछले 45 दिन में राज्य की स्थिति से अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का समय भी मांगा।
भाषा सिम्मी नरेश
नरेश

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