स्थानीय चुनाव: ‘महायुति’ की जीत के लिए विपक्ष ने निर्वाचन आयोग और ‘धनबल’ को जिम्मेदार ठहराया

स्थानीय चुनाव: ‘महायुति’ की जीत के लिए विपक्ष ने निर्वाचन आयोग और ‘धनबल’ को जिम्मेदार ठहराया

स्थानीय चुनाव: ‘महायुति’ की जीत के लिए विपक्ष ने निर्वाचन आयोग और ‘धनबल’ को जिम्मेदार ठहराया
Modified Date: December 21, 2025 / 10:17 pm IST
Published Date: December 21, 2025 10:17 pm IST

मुंबई, 21 दिसंबर (भाषा) विपक्षी दल कांग्रेस और शिवसेना (उबाठा) ने रविवार को नगर परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में अपनी हार एक तरह से स्वीकार कर ली और निर्वाचन आयोग पर सत्तारूढ़ ‘महायुति’ की जीत में ‘‘मदद करने’’ का आरोप लगाया।

दो चरणों में आयोजित 286 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अध्यक्ष और सदस्यों के पदों के चुनावों के लिए मतों की गिनती सुबह शुरू हुई।

पूरे महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की जीत के बाद कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षद पदों पर जीत हासिल करने वाले पार्टी उम्मीदवारों को बधाई दी।

उन्होंने चुनाव में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन की ‘‘मदद’’ करने के लिए राज्य निर्वाचन निकाय को ‘‘बधाई’’ दी।

शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने ‘महायुति’ पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने ‘‘धनबल’’ का इस्तेमाल किया।

राउत ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘अगर आप भाजपा, शिवसेना और राकांपा के विधानसभा चुनावों के आंकड़े और अब नगर निकाय चुनावों के आंकड़े देखें, तो वे एक जैसे हैं। विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई मशीनें (जो हेरफेर की गई थीं) वही हैं। मशीनों की सेटिंग वही है और चुनावों में इस्तेमाल किए गए पैसों का तरीका भी वही है।’’

शिवसेना (उबाठा) के नेता अंबदास दानवे ने ‘महायुति’ की जीत का श्रेय ‘‘धनबल और बाहुबल’’ को दिया।

छत्रपति संभाजीनगर में दानवे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘महा विकास आघाडी के घटक दलों की तुलना में ‘महायुति’ ने अधिक सीट हासिल की हैं, जिसका श्रेय सत्ताधारी दलों द्वारा इस्तेमाल किए गए बाहुबल और धनबल को जाता है।’’

दानवे ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव परिणाम अगले महीने होने वाले 29 नगर निगमों के आगामी चुनावों को प्रभावित नहीं करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘नगर निकायों के लिए मतदाताओं का आधार विशाल है, और मुद्दे भी अलग-अलग हैं। शहरी मतदाता अलग तरह से सोचते हैं।’’

दानवे ने कहा कि आगामी चुनावों के लिए गठबंधन की संभावना स्थानीय नेतृत्व पर निर्भर करेगी।

भाषा शफीक रंजन

रंजन


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