शीत सत्र से पहले महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में एलओपी की नियुक्ति की जाए: शिवसेना (उबाठा)

शीत सत्र से पहले महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में एलओपी की नियुक्ति की जाए: शिवसेना (उबाठा)

शीत सत्र से पहले महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में एलओपी की नियुक्ति की जाए: शिवसेना (उबाठा)
Modified Date: December 3, 2025 / 06:57 pm IST
Published Date: December 3, 2025 6:57 pm IST

मुंबई, तीन दिसंबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) विधायक भास्कर जाधव ने बुधवार को कहा कि अगले सप्ताह से शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों के लिए नेता विपक्ष (एलओपी) की घोषणा की जानी चाहिए।

नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले बुलाई गई कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जाधव ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष को समान रूप से देखा जाना चाहिए।

उन्होंने तर्क दिया कि अगर विपक्ष को समान महत्व नहीं दिया जाएगा तो सरकार गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कर सकती है और सभी को हल्के में ले सकती है।

 ⁠

राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आठ से 14 दिसंबर तक नागपुर में आयोजित होगा।

विधानसभा में 20 विधायकों के साथ सबसे बड़े विपक्षी दल के तौर पर शिवसेना (उबाठा) ने भास्कर को विपक्ष के नेता के पद के लिए नामित किया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने इसपर कोई निर्णय नहीं लिया है।

शिवसेना (उबाठा) के एमएलसी अंबादास दानवे विधान परिषद में विपक्ष के नेता रहे और विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) के तौर पर उनका कार्यकाल अगस्त में पूरा हो गया। कांग्रेस ने अपने एमएलसी सतेज पाटिल को उच्च सदन में विपक्ष के नेता के रूप में नामित किया है।

जाधव ने कहा, ‘प्रत्येक सदन में विपक्ष का नेता होना चाहिए और यह यह लोकतांत्रिक परंपरा है। यह एक संवैधानिक पद है। हमारी मांग है कि सत्र शुरू होने से पहले दोनों सदनों के लिए विपक्ष के नेता की घोषणा की जाए।’

इससे पहले जाधव ने राज्य विधानमंडल को पत्र लिखकर यह पूछा था कि क्या ऐसा कोई नियम है जिसके तहत विपक्ष के नेता पद पर दावा करने के लिए किसी विपक्षी दल के पास विधानसभा की कुल संख्या का 10 प्रतिशत सीट (288 में से 29 सीट) होना अनिवार्य है।

पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों में विपक्ष की करारी हार के बाद, कोई भी पार्टी कुल 288 सीटों में से 10 प्रतिशत सीटें नहीं जीत सकी थी।

नियमानुसार, एलओपी पद पर दावा करने के लिए किसी भी विपक्षी दल को कम से कम 10 प्रतिशत सीटें जीतना जरूरी है।

भाषा तान्या पवनेश

पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में