Pawan Khera on Sanchar Saathi App: BJP है ‘भारतीय जासूस पार्टी’, कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- ‘संचार साथी’ ऐप से घर में घुसने का षड्यंत्र
Pawan Khera on Sanchar Saathi App: BJP है ‘भारतीय जासूस पार्टी’, कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- ‘संचार साथी’ ऐप से घर में घुसने का षड्यंत्र
Pawan Khera on Sanchar Saathi App/Image Source: IBC24
- “मोदी सरकार और आपकी प्राइवेसी
- 2017 से 2025 तक हर कदम पर निगरानी
- कांग्रेस ने किया हमला
नई दिल्ली: Pawan Khera on Sanchar Saathi App: कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वह भारतीय जासूस पार्टी बन चुकी है और इसके पीछे ‘संचार साथी’ ऐप के माध्यम से लोगों की निजी जानकारी जुटाने का षड्यंत्र है। पार्टी के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही ऐप से जुड़े दावों से इनकार कर चुके हों, लेकिन संबंधित निर्देश को अब तक लिखित रूप में वापस नहीं लिया गया है।
• मोदी सरकार साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट में निजता को मौलिक अधिकार मानने के विरोध में खड़ी हो गई थी
• 2018 में मोदी सरकार ने 10 एजेंसियों को बिना न्यायिक निगरानी के किसी भी कंप्यूटर से जानकारी इंटरसेप्ट करने का अधिकार दे दिया
• मोदी सरकार DNA प्रोफाइलिंग बिल लाने की कोशिश… pic.twitter.com/bUYRL4EAu5
— Congress (@INCIndia) December 3, 2025
Pawan Khera on Sanchar Saathi App: खेड़ा ने कहा कि मोदी सरकार की डिजिटल निगरानी की नीति लंबे समय से सवालों के घेरे में रही है और इसके कई उदाहरण सामने आ चुके हैं। उन्होंने इसके इतिहास को इस प्रकार पेश किया:
- 2017: मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में निजता को मौलिक अधिकार मानने का विरोध किया।
- 2018: 10 एजेंसियों को बिना न्यायिक निगरानी के किसी भी कंप्यूटर से जानकारी इंटरसेप्ट करने का अधिकार दिया गया।
- 2019: पेगासस जासूसी कांड में विपक्षी नेता, पत्रकार, न्यायाधीश और केंद्रीय मंत्रियों पर जासूसी की गई।
- 2020: नमो ऐप के तहत कई व्हिसलब्लोअर्स और पत्रकारों के निजी डेटा के लीक और दुरुपयोग की घटनाएँ सामने आईं।
- 2021: नागरिकों की निजी जानकारी और उनका डेटा निजी कंपनियों को बेचकर 100 करोड़ रुपये से अधिक कमाए गए।
- 2023: सरकार ने सूचना का अधिकार (RTI) कानून को जानबूझकर कमजोर किया।
- 2025: आयकर अधिनियम में बदलाव करके खुद को ईमेल, क्लाउड अकाउंट, मैसेजिंग ऐप, सोशल मीडिया, ऑनलाइन बैंकिंग और IoT उपकरणों तक की छानबीन का अधिकार दिया।

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