महाराष्ट्र: अदालत ने वनवासी कल्याण आश्रम पर 1991 में हुए हमले के एकमात्र शेष आरोपी को बरी किया
महाराष्ट्र: अदालत ने वनवासी कल्याण आश्रम पर 1991 में हुए हमले के एकमात्र शेष आरोपी को बरी किया
पालघर, 14 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थित वनवासी कल्याण आश्रम पर 1991 में हुए हमले और डकैती मामले में एकमात्र शेष आरोपी को स्थानीय अदालत ने बरी कर दिया है।
अभियोजन के मुताबिक, 14 अगस्त 1991 को यहां तलसारी में पत्थरों और लाठियों से लैस और नारे लगाते हुए 150 लोगों की भीड़ ने आश्रम पर हमला कर दिया था जिसमें वहां के प्रबंधक महादेव जयराम जोशी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। साथ ही एक ऑटो रिक्शा सहित संपत्ति को व्यापक नुकसान पहुंचा था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवी चौधरी इनामदार ने 26 नवंबर को सुनाए अपने फैसले में सतवा लाडक्या भगत को बरी कर दिया, जिस पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दंगा, डकैती और लूटपाट, गंभीर चोट पहुंचाना, आगजनी और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया था। फैसले की प्रति शनिवार को उपलब्ध हुई।
पुलिस द्वारा दाखिल मूल आरोपपत्र में 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिन्हें सात जनवरी, 2003 को अदालत ने बरी कर दिया था। भगत और तीन अन्य के खिलाफ वर्तमान मामला पूरक आरोपपत्रों पर आधारित था। अन्य तीन आरोपियों की मृत्यु के कारण उनके खिलाफ कार्यवाही समाप्त हो गई।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष भगत के अपराध में प्रत्यक्ष रूप से संलिप्त होने के समर्थन में विश्वसनीय सबूत पेश नहीं कर सका। अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि मुख्य गवाह पत्थरबाजी में शामिल व्यक्तियों की पहचान नहीं कर सका और किसी भी आरोपी का नाम नहीं बता सका।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि घायल गवाह जोशी और एक अन्य चश्मदीद भी भीड़ में शामिल लोगों की पहचान नहीं कर सके।
न्यायाधीश इनामदार ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में ‘पूरी तरह विफल’ रहा है।
भाषा धीरज नोमान
नोमान

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