सार्वजनिक जीवन में अनुशासन बनाए रखें, मुझे कार्रवाई के लिए मजबूर न करें: शिंदे

सार्वजनिक जीवन में अनुशासन बनाए रखें, मुझे कार्रवाई के लिए मजबूर न करें: शिंदे

सार्वजनिक जीवन में अनुशासन बनाए रखें, मुझे कार्रवाई के लिए मजबूर न करें: शिंदे
Modified Date: July 15, 2025 / 12:27 am IST
Published Date: July 15, 2025 12:27 am IST

मुंबई, 14 जुलाई (भाषा) शिवसेना विधायक और मंत्री से जुड़ी एक के बाद एक हुई घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया के बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को पार्टी विधायकों और मंत्रियों से कहा कि वे सार्वजनिक जीवन में अनुशासन का पालन करें तथा उन्हें कार्रवाई करने के लिए मजबूर न करें।

मुंबई में विधायक हॉस्टल में कथित रूप से ‘बासी भोजन’ परोसने पर शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन के एक कर्मचारी को थप्पड़ मारने की घटना के बाद शिंदे ने पार्टी की छवि को पहुंचे नुकसान को रोकने के मकसद से हस्तक्षेप किया।

शिंदे ने पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सार्वजनिक जीवन अनुशासन की मांग करता है और हमें इसे बनाए रखना चाहिए। मैं आप सभी से अनुशासन और जवाबदेही की अपेक्षा करता हूं।’’

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गायकवाड़ से संबंधित घटना को लेकर आक्रोश शांत होने से पहले ही, शिवसेना मंत्री संजय शिरसाट का एक वीडियो प्रसारित हो गया, जिसमें वे एक कमरे में बैठे हुए हैं और उनके पास कथित रूप से नोटों के बंडलों से भरा एक बैग है। कुछ दिन पहले ही उन्हें कथित तौर पर उनकी घोषित संपत्ति में वृद्धि के लिए आयकर नोटिस मिला था।

शिरसाट ने नकदी की गड्डियों के आरोप को खारिज कर दिया था, जबकि गायकवाड़ अपनी बात पर अड़े रहे और कैंटीन कर्मचारी पर हमले को उचित ठहराया।

दोनों घटनाओं से न केवल शिवसेना, बल्कि फडणवीस सरकार को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।

बैठक को संबोधित करते हुए शिंदे ने विधायकों और मंत्रियों को आगाह किया कि वे किसी बाहरी प्रभाव या शक्ति के दबाव में आकर निर्णय न लें।

उन्होंने कहा, ‘जनता के विरोध के कारण कुछ मंत्रियों को पद छोड़ना पड़ा। मैं अपने ही परिवार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करना पसंद नहीं करता। लेकिन मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर न करें।’

उन्होंने शिवसेना के अपने साथियों से कहा कि वे बेवजह के मुद्दों पर अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें और कम बोलें और ज़्यादा काम करें।

शिंदे ने कहा, “मैं बॉस की तरह व्यवहार नहीं करता। मैं गुस्सा नहीं होता। मैं एक कार्यकर्ता की तरह काम करता हूं और उम्मीद करता हूं कि आप भी एक कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करें।”

भाषा यासिर प्रशांत

प्रशांत


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