मनरेगा पर मोदी सरकार का रुख ग्रामीण गरीबों की आजीविका पर हमले के समान : सैलजा
मनरेगा पर मोदी सरकार का रुख ग्रामीण गरीबों की आजीविका पर हमले के समान : सैलजा
(फाइल फोटो के साथ)
मुंबई, 21 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने रविवार को नरेन्द्र मोदी सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि योजना में हाल में किये गए बदलाव ग्रामीण गरीबों की आजीविका पर हमले के समान हैं।
हाल में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र में संसद ने ‘विकसित भारत-जी राम जी’ विधेयक पारित किया था, जो मनरेगा की जगह लेगा। विपक्ष ने महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने और राज्यों पर पड़ने वाले वित्तीय भार को लेकर कड़ा विरोध जताया है।
सैलजा ने यहां प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘रोजगार गारंटी कार्यक्रम संप्रग सरकार के दौरान सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में गरीबों के काम के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था। तथाकथित सुधारों के बहाने केंद्र सरकार करोड़ों ग्रामीण परिवारों के काम करने के संवैधानिक अधिकार को छीन रही है।’’
कांग्रेस सांसद सैलजा ने मनरेगा को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी देने वाली एक ऐतिहासिक योजना बताते हुए कहा कि यह लाखों लोगों के लिए, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान, जीवन रेखा साबित हुई थी।
उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर रोजगार गारंटी योजना को कमजोर करने और महात्मा गांधी की विरासत को मिटाने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मनरेगा को कमजोर करने का कोई भी कदम ग्रामीण गरीबों के साथ अन्याय है।
नेशनल हेराल्ड मामले पर, सैलजा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाने और बदनाम करने के लिए भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने दावा किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बेवजह परेशान किया गया।
प्रवर्तन निदेशालय के आरोपपत्र का अदालत द्वारा संज्ञान नहीं लिये जाने का जिक्र करते हुए सैलजा ने कहा कि इससे साबित होता है कि मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर विपक्ष के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।
भाषा सुभाष राजकुमार
राजकुमार

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