मुंबई, पांच दिसंबर (भाषा) एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी गौतम नवलखा की साथी साहबा हुसैन ने शराब की बोतलें और सिगरेट के पैकेट पुलिस को सौंप दिए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उनके ये सामान उस घर में लाने पर आपत्ति जतायी थी, जहां नवलखा को नजरबंद रखा गया है।
नवलखा (70) को 19 नवंबर को जेल से रिहा करने के बाद नवी मुंबई के बेलापुर-अग्रोली इलाके स्थित एक मकान में ले जाया गया था, जहां वह एक महीने के लिए नजरबंद रहेंगे।
अधिकारी ने बताया कि नवलखा के साथ रह रही साहबा हुसैन वहां अपने इस्तेमाल के लिए शराब की दो बोतलें और सिगरेट लाई थीं। उन्होंने नवलखा को वहां लाए जाने से पहले घर की तलाशी लेने आए एनआईए के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने अधिकारियों को बताया था कि ये सामान उनके लिए ही हैं, नवलखा के लिए नहीं, क्योंकि वह न शराब पीते हैं न सिगरेट।
उन्होंने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने फिर भी इसको लेकर आपत्ति जतायी और इसके बाद सामान बेलापुर पुलिस की सीबीडी इकाई को सौंप दिया गया।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद हुसैन ने एक पत्र लिखकर एनआईए को भी इसकी जानकारी दी। नवलखा को पर्याप्त सुरक्षा घेरे में 40 मिनट की सैर पर जाने की अनुमति भी दी गई है।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने चिकित्सा आधार पर नवलखा को जमानत दे दी थी। ऐसा बताया जा रहा है कि कार्यकर्ता कई बीमारियों से पीड़ित हैं।
नवलखा अप्रैल 2020 से जेल में बंद थे।
यह मामला पुणे के शनिवारवाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को हुए एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए कथित उकसावे वाले भाषणों से जुड़ा है। पुलिस का दावा है कि इन भाषणों से शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के समीप अगले दिन हिंसा भड़क गई थी।
पुणे पुलिस ने यह भी दावा किया था कि माओवादियों ने इस सम्मेलन का समर्थन किया था। एनआईए ने बाद में इस मामले की जांच संभाली और इसमें कई सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा शिक्षाविदों को आरोपी बनाया गया।
भाषा निहारिका प्रशांत
प्रशांत