उच्च न्यायालय ने नाबालिग से बार-बार बलात्कार के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

उच्च न्यायालय ने नाबालिग से बार-बार बलात्कार के आरोपी को जमानत देने से इनकार किया

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  • Publish Date - April 30, 2024 / 09:39 PM IST,
    Updated On - April 30, 2024 / 09:39 PM IST

मुंबई, 30 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की से बार-बार बलात्कार करने के आरोपी को ज़मानत देने से इनकार करते हुए कहा कि यह अपराध न केवल किसी विवेकशील व्यक्ति की अंतरात्मा को झकझोरने वाला है बल्कि घृणित भी है।

आरोपी ने पीड़िता के साथ तबसे बलात्कार किया, जब वह 10 साल की थी।

न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की एकल पीठ ने सोमवार को आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह अपराध न केवल किसी विवेकशील व्यक्ति की अंतरात्मा को झकझोरने वाला है बल्कि घृणित भी है।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में पीड़िता द्वारा लिखी गई 27 पन्नों की डायरी को भी उद्धरित किया जिसमें लड़की ने अपनी आपबीती बताई थी। अदालत ने कहा कि पीड़िता की मानसिक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्थिति तथा आरोपी द्वारा उसके साथ की गई दरिंदगी के प्रभाव का वर्णन करने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे।

पीड़िता के माता-पिता ने दावा किया कि आरोपी और उसकी पत्नी ने इस बात का फायदा उठाया कि लड़की के पिता दुबई में काम करते थे। उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस अपराध के बारे में तब पता चला जब उन्हें 2021 में पीड़िता की डायरी उसके कमरे से मिली। उस समय वह 17 साल की थी।

लड़की एक लड़के के साथ चली गई थी जिसके बाद उसके माता-पिता ने उसके कमरे की तलाशी ली थी।

डायरी में पीड़िता ने दावा किया कि जब वह चौथी कक्षा में थी तब से आरोपी ने उसके साथ बलात्कार करना शुरू कर दिया था और उसकी पत्नी को इसके बारे में पता था। उसने दावा किया था कि उसे यौन उत्तेजित करने के लिए आरोपी उसे एक दवाई देता था। पीठ ने भी अपने फैसले में इसका जिक्र किया।

लड़की के माता-पिता ने डायरी देखने के बाद 2021 में आरोपी और उसकी पत्नी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पत्नी को विशेष अदालत ने जमानत दे दी थी, लेकिन आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई, जिसके बाद उसने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

भाषा

नोमान अविनाश

अविनाश