बेटे के नाम जहांगीर होने की आलोचना पर मांडलेकर ने कहा : वह शिवाजी महाराज का किरदार नहीं निभाएंगे |

बेटे के नाम जहांगीर होने की आलोचना पर मांडलेकर ने कहा : वह शिवाजी महाराज का किरदार नहीं निभाएंगे

बेटे के नाम जहांगीर होने की आलोचना पर मांडलेकर ने कहा : वह शिवाजी महाराज का किरदार नहीं निभाएंगे

:   Modified Date:  April 22, 2024 / 04:41 PM IST, Published Date : April 22, 2024/4:41 pm IST

पुणे, 22 अप्रैल (भाषा) बेटे का नाम जहांगीर होने से निशाने पर आए प्रख्यात मराठी अभिनेता चिन्मय मांडलेकर ने घोषणा की कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका नहीं निभाएंगे क्योंकि उनके परिवार को सोशल मीडिया पर मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है।

मांडलेकर ने कहा कि उनका बेटा 11 साल का है लेकिन उसके नाम को लेकर अब उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। अभिनेता और उनकी पत्नी नेहा ने दावा किया कि उनके बेटे के नाम को लेकर उन्हें मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।

मांडेलकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मेरी पत्नी नेहा ने कल एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से हमारे बेटे के नाम पर हमारे परिवार की आलोचना के बारे में बात की थी। नाम पर विचार स्पष्ट करने के बाद भी ‘ट्रोलिंग’ और टिप्पणियां कम नहीं हुईं। वास्तव में, खराब टिप्पणियां बढ़ गई हैं…।’’

अभिनेता ने कहा कि एक अभिनेता के रूप में वह अपने काम को लेकर आलोचना के लिए तैयार हैं लेकिन आलोचना करने वालों को उनके निजी जीवन पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

मांडलेकर ने यह भी कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर कई बार स्पष्ट किया है कि उन्होंने अपने बेटे का नाम जहांगीर क्यों रखा।

चौथे मुगल बादशाह जहांगीर ने सन् 1605 से 1627 तक शासन किया था।

मांडेलकर ने कहा, ‘‘आलोचना करने वालों का कहना है कि मैंने कई फिल्मों में छत्रपति शिवाजी महाराज का किरदार निभाया है और तब भी मेरे बेटे का नाम जहांगीर है। मेरे बेटे का जन्म 2013 में हुआ था और आज वह 11 साल का है लेकिन अब मुझे ‘ट्रोलिंग’ का सामना करना पड़ रहा है।’’

उन्होंने कहा कि मराठा शासक की भूमिका निभाने के लिए उनकी काफी सराहना की गई। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उस भूमिका के कारण, अगर मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है, तो मैं यहां बड़ी विनम्रता के साथ घोषणा करता हूं कि मैं वह किरदार नहीं निभाऊंगा। इस फैसले से मुझे दुख हुआ है। यह भूमिका छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति मेरी भक्ति और प्रेम की अभिव्यक्ति थी।’’

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

 

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