ऑस्कर : भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए फिल्मों का चयन 15 अगस्त से 10 सितंबर के बीच होगा

ऑस्कर : भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए फिल्मों का चयन 15 अगस्त से 10 सितंबर के बीच होगा

ऑस्कर : भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए फिल्मों का चयन 15 अगस्त से 10 सितंबर के बीच होगा
Modified Date: August 13, 2025 / 11:47 am IST
Published Date: August 13, 2025 11:47 am IST

मुंबई, 13 अगस्त (भाषा) भारतीय फिल्म परिसंघ (एफएफआई) ने घोषणा की है कि इस वर्ष ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के लिए फिल्मों का चयन 15 अगस्त से 10 सितंबर के बीच किया जाएगा।

एफएफआई (फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया) ने कहा कि पात्र फिल्म कम से कम एक सप्ताह तक थिएटर में चली होनी चाहिए और उनमें ‘‘भारतीयता’’ भी होनी चाहिए।

एफएफआई अध्यक्ष फिरदौसुल हसन ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण साल है। एफएफआई की स्थापना 1951 में हुई थी और यह 75वां वर्ष है। ऑस्कर का यह 98वां वर्ष है और हम 1957 से इसमें प्रविष्टियां भेज रहे हैं। पहली फिल्म जो हमने भेजी थी वह ‘मदर इंडिया’ थी और 2024 में भेजी गई अंतिम फिल्म ‘लापता लेडीज’ थी। अकादमी ने हमें भारत से एक फिल्म का चयन करने के लिए अधिकृत किया है जो ऑस्कर में हमारे देश का प्रतिनिधित्व करेगी। ’’

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उन्होंने बताया कि सभी स्क्रीनिंग पूरी होने के बाद मतदान के जरिए अंतिम प्रविष्टि तय की जाएगी और 28 सितंबर को इसकी घोषणा की जाएगी।

हसन ने कहा, ‘‘फिल्मों में भारतीयता होनी चाहिए और फिल्म विचार प्रधान होनी चाहिए। पहले सितारों की बहुतायत वाली फिल्में बनती थीं, जिसमें हम यह देखते थे कि फिल्म में कौन है और फिर तय करते थे कि देखनी है या नहीं।’’

प्रक्रिया को पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने का आश्वासन देते हुए हसन ने कहा कि एफएफआई फिल्म निर्माताओं को पूरा सहयोग देगा। उन्होंने कहा ‘‘हम इस साल ऑस्कर में भारत की प्रविष्टि के तौर पर नामित किए जाने के लिए अधिकाधिक फिल्मों का स्वागत करेंगे।’’

देश के सभी प्रमुख फिल्म संगठनों की शीर्ष संस्था एफएफआई ऑस्कर अकादमी के प्रोटोकॉल के अनुसार 25 सदस्यीय जूरी बनाएगी, जिसमें अभिनय, निर्देशन, निर्माण, कॉस्ट्यूम, संगीत, गायन, साउंड रिकॉर्डिंग और एडिटिंग जैसे विभिन्न रचनात्मक क्षेत्रों के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शामिल होंगे।

हसन ने बताया, ‘‘फिल्म भारतीय मूल की होनी चाहिए और लगभग 90 प्रतिशत शूटिंग भारत में होनी चाहिए। फिल्म का 60 प्रतिशत हिस्सा किसी भारतीय भाषा की स्थानीय बोलचाल में होना चाहिए और थिएटर में इसके कम से कम एक सप्ताह चलने का प्रमाण होना चाहिए।’’

इसके अलावा फिल्म महोत्सव संबंधी प्रविष्टियों या फिल्म को मिले पुरस्कारों का विवरण और 1,25,000 रुपये तथा जीएसटी शुल्क भी जमा करना होगा। जो फिल्में 10 सितंबर तक रिलीज नहीं हुई हैं, उन्हें एक हलफनामा और पुष्टि देनी होगी कि 30 सितंबर से पहले कम से कम सात दिन के लिए थिएटर में रिलीज की जाएंगी।

हसन ने बताया कि उन्होंने सरकार से ऑस्कर अभियान के लिए वित्तीय सहयोग की मांग की है। उन्होंने कहा ‘‘हमारी एनएफडीसी के साथ कुछ महीने पहले बैठक हुई थी और वे इस साल दो-तीन फिल्में ऑस्कर भेजेंगे। इस पर काम हो रहा है।’’

पिछले साल किरण राव की ‘‘लापता लेडीज’’ भारत की प्रविष्टि थी, लेकिन वह अंतिम सूची में जगह नहीं बना सकी।

लॉस एंजिलिस के डॉल्बी थियेटर में 98वां अकादमी पुरस्कार समारोह 15 मार्च 2026 को आयोजित किया जाएगा।

भाषा

मनीषा वैभव

वैभव


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