पालघर में साधुओं की पीटकर हत्या किए जाने के मामले में चार आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

पालघर में साधुओं की पीटकर हत्या किए जाने के मामले में चार आरोपियों की जमानत याचिका खारिज

पालघर में साधुओं की पीटकर हत्या किए जाने के मामले में चार आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
Modified Date: December 23, 2025 / 10:32 pm IST
Published Date: December 23, 2025 10:32 pm IST

मुंबई, 23 दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र के पालघर जिले में दो साधुओं और उनके वाहन चालक की पीटकर हत्या किए जाने के मामले में आरोपी चार व्यक्तियों को जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं।

राजेश राव, सुनील दलवी, सजनुआ बुरकुड और विनोद राव ने लंबे समय तक जेल में रहने और समानता के आधार पर जमानत मांगी थी। आरोपियों की याचिका में कहा गया है कि अब तक मामले में 42 आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है।

न्यायमूर्ति नीला गोखले ने उन्हें राहत देने से इंकार करते हुए अपने आदेश में कहा कि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता मूल्यवान है, लेकिन हर स्थिति में यह पूर्ण रूप से अभूतपूर्व नहीं हो सकती।

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अदालत ने कहा, “व्यक्ति की स्वतंत्रता का मूल्यवान अधिकार और समाज के सामान्य हित के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। किसी अपराध में आरोपी व्यक्ति की स्वतंत्रता मामले की परिस्थितियों पर निर्भर करती है।”

अदालत ने कहा कि किसी समुदाय के सामूहिक हित का महत्व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार से बड़ा हो सकता है।

इसके अलावा, भीड़ द्वारा की गईं हत्याओं (मॉब लिंचिंग) के मामलों में समानता के आधार को लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि हर आरोपी की अलग-अलग भूमिका होती है।

उच्च न्यायालय ने हालांकि सीबीआई को भी निर्देश दिया कि वह जांच तीव्र गति से पूरी करे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 14 अप्रैल 2020 को कोविड-19 महामारी लॉकडाउन के दौरान गांव वालों के एक समूह ने क्षेत्र से गुजर रहे दो साधुओं और उनके वाहन चालक को बच्चा चोर समझकर उनपर हमला कर दिया।

हमले में तीनों की मौत हो गई। भीड़ ने उन्हें बचाने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया।

इस मामले में 126 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, और बाद में जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई थी।

अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए दावा किया कि फुटेज में चार पुरुषों को पीड़ितों और उन्हें बचाने आए पुलिसकर्मियों पर हमला करते हुए देखा गया है।

भाषा जोहेब पवनेश

पवनेश


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