स्कूलों में मराठी अनिवार्य करने संबंधी पिछली सरकार के आदेश का पालन नहीं किया गया: मनसे
स्कूलों में मराठी अनिवार्य करने संबंधी पिछली सरकार के आदेश का पालन नहीं किया गया: मनसे
मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र की पिछली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के दौरान जारी किए गए सरकारी प्रस्ताव का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसके तहत सभी बोर्ड के स्कूलों में मराठी भाषा को अनिवार्य बनाया गया था। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अमित ठाकरे ने मंगलवार को यह दावा किया।
उन्होंने दोषी शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
अमित ने स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री पंकज भोयर को लिखे पत्र में कहा, ‘तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार द्वारा सभी बोर्ड (सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और अन्य) के स्कूलों में मराठी भाषा सीखने को अनिवार्य करने के फैसले का उल्लंघन किया जा रहा है।’
मनसे प्रमुख राज ठाकरे के पुत्र अमित मनसे की छात्र शाखा के प्रमुख हैं।
उन्होंने मांग की कि राज्य शिक्षा विभाग, मराठी भाषा जीआर (सरकारी प्रस्ताव) के कार्यान्वयन पर एक रिपोर्ट मांगे।
उन्होंने कहा, ‘जो स्कूल मराठी भाषा पढ़ाने से बच रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए, अन्यथा उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाना चाहिए।’ उन्होंने मांग की कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि राज्य के सभी छात्र मराठी सीखें।
महाराष्ट्र विधानमंडल ने 2020 में राज्य के सभी स्कूलों में मराठी भाषा को अनिवार्य विषय बनाने के लिए एक विधेयक पारित किया था।
मौजूदा देवेंद्र फडणवीस सरकार को त्रिभाषा फार्मूले से जुड़े अब रद्द किये जा चुके जीआर को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके तहत हिंदी को प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली तीसरी भाषा बनाया गया था।
पिछले महीने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे और उद्धव के नेतृत्व वाली शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा महाराष्ट्र में कथित तौर पर हिंदी थोपे जाने के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू करने के बाद सरकार को यह जीआर रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
भाषा
शुभम संतोष
संतोष

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