आरएसएस की गतिविधियां युवा पीढ़ी को भारत की जड़ों, विरासत से जोड़ रही: इजराइली राजनयिक
आरएसएस की गतिविधियां युवा पीढ़ी को भारत की जड़ों, विरासत से जोड़ रही: इजराइली राजनयिक
नागपुर, 30 दिसंबर (भाषा) मध्य-पश्चिम भारत में इजराइल के महावाणिज्यदूत यानिव रेवाच ने युवा पीढ़ी को उनकी जड़ों, विरासत और भारत के इतिहास से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की मंगलवार को प्रशंसा की और कहा कि संगठन द्वारा संचालित गतिविधियां बहुत प्रभावशाली हैं।
रेवाच ने यह भी कहा कि आतंकवाद से लड़ने में भारत और इजराइल रणनीतिक सहयोगी हैं।
इजराइली महावाणिज्यदूत ने नागपुर हवाई अड्डे पर ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, “मेरे लिए आरएसएस का दौरा करना और यहां उनके द्वारा आयोजित गतिविधियों को देखना महत्वपूर्ण था। ये गतिविधियां बहुत प्रभावशाली हैं क्योंकि वे युवा पीढ़ी के साथ काम कर रहे हैं और उन्हें भारत की जड़ों, विरासत और इतिहास से जोड़ रहे हैं।”
उन्होंने एक दिन पहले रेशिमबाग क्षेत्र स्थित स्मृति मंदिर परिसर का दौरा किया था, जहां आरएसएस के संस्थापक के. बी. हेडगेवार का स्मारक है।
रेवाच ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारत और इजराइल अलग-अलग सीमाओं से आतंकवाद का सामना करते हैं। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद से लड़ने में दोनों देश रणनीतिक सहयोगी हैं।’
रेवाच के दौरे के संबंध में आरएसएस ने सोमवार को बताया कि उन्हें स्मृति मंदिर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वैचारिक महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
संघ ने एक विज्ञप्ति में कहा था कि रेवाच को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के जीवन और कार्यों का संक्षिप्त विवरण दिया गया और देश भर में लाखों लोगों के लिए प्रेरणा के केंद्र के रूप में स्मृति मंदिर की भूमिका के बारे में बताया गया।
विज्ञप्ति के अनुसार, महावाणिज्यदूत ने संघ के संगठनात्मक सफर और उससे जुड़ी सामाजिक पहलों को समझने में गहरी रुचि दिखायी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह दौरा सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ, जो आपसी सम्मान और सांस्कृतिक समझ को दर्शाता है।
रेवाच ने सोमवार को ‘एक्स’ पर लिखा, “आरएसएस के शताब्दी वर्ष के दौरान नागपुर में स्थित मुख्यालय का दौरा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मैंने उस शाखा को देखा जहां 1925 में इसकी शुरुआत हुई थी। मैंने आरएसएस के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और उनके उत्तराधिकारी डॉ. गोलवलकर को भी श्रद्धांजलि दी।”
भाषा अमित मनीषा
मनीषा

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