म्यांमा में ‘साइबर गुलाम’ के रूप में बंधक बनाए गए सात लोगों को मुक्त करा कर स्वदेश लाया गया

म्यांमा में 'साइबर गुलाम' के रूप में बंधक बनाए गए सात लोगों को मुक्त करा कर स्वदेश लाया गया

म्यांमा में ‘साइबर गुलाम’ के रूप में बंधक बनाए गए सात लोगों को मुक्त करा कर स्वदेश लाया गया
Modified Date: December 20, 2025 / 11:31 pm IST
Published Date: December 20, 2025 11:31 pm IST

ठाणे, 20 दिसंबर (भाषा) मीरा भयंदर वसई विरार (एमबीवीवी) अपराध शाखा की जांच के परिणामस्वरूप, म्यांमा में ‘साइबर गुलाम’ के रूप में बंधक बनाए गए सात लोगों को मुक्त करा कर वापस लाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि इन लोगों को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया गया।

उन्होंने बताया कि इन व्यक्तियों को म्यांमा के म्यावाड्डी टाउनशिप में स्थित कुख्यात ‘धोखाधड़ी केंद्र’ केके पार्क में हिरासत में रखा गया था।

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सहायक पुलिस आयुक्त मदन बल्लाल ने बताया, ‘मीरा रोड निवासी सैयद इर्तिस फजल अब्बास हुसैन और अम्मार असलम लकड़ावाला के किसी तरह वापस आने में सफल रहने और नयानगर थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद जांच शुरू की गई थी। उन दोनों ने बताया कि उनके परिचितों आसिफ खान और अदनान शेख ने उन्हें जुलाई-सितंबर 2025 के बीच बैंकॉक में नौकरी दिलाने का लालच दिया था।’

बल्लाल ने बताया, ‘पीड़ितों को यूयू8 नामक कंपनी में स्टीव, अन्ना और लियो नामक तीन व्यक्तियों के हवाले कर दिया गया। उन्हें पिटाई करने की धमकी देकर बंधक बनाया गया और विदेशी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया गया। इनकार करने पर गिरोह के लोगों ने उनकी रिहाई के बदले प्रत्येक से छह लाख रुपये की मांग की।’

अपराध शाखा इकाई एक के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि मीरा भयंदर और वसई-विरार के कई युवक साइबर गुलामी के इस जाल में फंस गए थे।

भाषा

शुभम सुभाष

सुभाष


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