कुछ लोग सत्ता के लिए भाजपा से जुड़े हैं, अवसरवादी राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता: शरद पवार

कुछ लोग सत्ता के लिए भाजपा से जुड़े हैं, अवसरवादी राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता: शरद पवार

कुछ लोग सत्ता के लिए भाजपा से जुड़े हैं, अवसरवादी राजनीति को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता: शरद पवार
Modified Date: June 17, 2025 / 05:42 pm IST
Published Date: June 17, 2025 5:42 pm IST

(फाइल तस्वीर के साथ)

पुणे, 17 जून (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि कुछ व्यक्ति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर अवसरवादी राजनीति में लिप्त हैं।

शरद पवार की इस टिप्पणी को उनसे अलग हुए भतीजे अजित पवार के लिए एक संदेश माना जा रहा है। शरद ने यह बयान ऐसे वक्त दिया है जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दोनों गुटों के फिर से एक होने की अटकलें हैं।

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पिंपरी चिंचवाड़ में राकांपा (एसपी) कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि अवसरवाद की ऐसी राजनीति को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वह उन लोगों को साथ लेने के लिए तैयार हैं जो गांधी, नेहरू, फुले और आंबेडकर की विचारधारा को मानते हैं।

हाल के दिनों में चाचा-भतीजे के बीच विभिन्न अवसरों पर हुई मुलाकातों से राकांपा (एसपी) के अजित पवार की पार्टी राकांपा के साथ संभावित विलय की अटकलों को बल मिला था।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यहां किसी ने अभी-अभी सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत का जिक्र किया है। सभी को साथ लेकर चलने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन सभी कौन हैं? मैं उन लोगों को साथ लेकर चलने को तैयार हूं जो गांधी-नेहरू, फुले और आंबेडकर की विचारधारा को मानते हैं।’

उन्होंने कहा कि कुछ लोग पार्टी (उनके द्वारा स्थापित राकांपा) छोड़ चुके हैं और नए लोग शामिल हो रहे हैं।

कद्दावर राजनीतिक नेता ने कहा, “ सभी का मतलब उन लोगों से था जो गांधी, नेहरू, ज्योतिबा फुले और बी आर आंबेडकर की विचारधारा को मानते हैं। अगर वे इस विचारधारा को मानते हैं और उसका पालन करते हैं तो मैं उन्हें स्वीकार कर सकता हूं।”

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हालांकि, अगर कोई सत्ता के लिए भाजपा के साथ जा रहा है, तो यह कांग्रेस की विचारधारा नहीं है। कोई किसी के साथ भी गठबंधन कर सकता है, लेकिन भाजपा के साथ जाना कांग्रेस की विचारधारा के अनुरूप नहीं हो सकता।’

शरद पवार ने कहा कि इस ‘अवसरवाद की राजनीति’ को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘हमें इसी के अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए।’

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की चिंता करना छोड़ दें और आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कमर कस लें।

राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा, ‘मैंने अपने करियर में कई बार ऐसे घटनाक्रम देखे हैं।’

पवार ने कहा कि उन्हें आम लोगों की राजनीतिक समझ पर भरोसा है । उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में लोकतंत्र आम आदमी की सामूहिक अंतरात्मा के कारण बरकरार है, न कि राजनीतिक नेताओं के कारण।

साल 1999 में पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी जुलाई 2023 में विभाजित हो गई, जब अजित पवार कई अन्य पार्टी नेताओं के साथ महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए।

अजित ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली तथा राकांपा के आठ अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली।

निर्वाचन आयोग ने अजित के नेतृत्व वाले समूह को मूल राकांपा के रूप में मान्यता दी और उन्हें पार्टी का मूल चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ अपने पास रखने की अनुमति दी।

इसके बाद के चुनावी मुकाबलों में राकांपा (एसपी) को शुरू में 2024 के लोकसभा चुनावों में बढ़त मिली, लेकिन इसके कुछ महीनों बाद महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनावों में उसे झटका लगा।

भाषा नोमान मनीषा

मनीषा


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