शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य न ठहराने संबंधी फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य न ठहराने संबंधी फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया
मुंबई, 15 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराने संबंधी राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को चुनौती देते हुए बम्बई उच्च न्यायालय का रुख किया है।
सत्तारूढ़ शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावले की ओर से 14 विधायकों के खिलाफ 12 जनवरी को याचिकाएं दायर की गईं। इन याचिकाओं में कहा गया है कि वह विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर द्वारा प्रतिद्वंद्वी गुट के विधानसभा सदस्यों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने संबंधी 10 जनवरी के आदेश की वैधता और औचित्य को चुनौती दे रहे हैं।
अयोग्यता याचिकाओं पर अपने फैसले में 10 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष ने प्रतिद्वंद्वी खेमों के किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया था।
गोगावले ने याचिकाओं में कहा कि ठाकरे समूह के विधायकों ने न केवल व्हिप का उल्लंघन किया, बल्कि जून 2022 में विभाजन के बाद स्वेच्छा से शिवसेना राजनीतिक दल की सदस्यता भी छोड़ दी थी।
याचिकाओं में दावा किया गया है कि अध्यक्ष ने इस बात पर भी विचार नहीं किया कि सदस्यता छोड़ने के साथ-साथ शिवसेना (यूबीटी) सदस्यों ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ मिलकर शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मतदान किया और सत्तारूढ़ सरकार को गिराने की कोशिश की गई।
उच्च न्यायालय की वेबसाइट के अनुसार गोगावले की याचिकाओं पर 22 जनवरी को सुनवाई होगी।
वहीं, दूसरी ओर शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने जून, 2022 में विभाजन के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के गुट को “वास्तविक राजनीतिक दल” घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर के आदेश को चुनौती देते हुए सोमवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की।
विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे सहित सत्तारूढ़ खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की ठाकरे गुट की याचिका को भी खारिज कर दिया था।
भाषा
देवेंद्र दिलीप
दिलीप

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