शरद और अजित पवार एकसाथ आएं तो दोनों पार्टी के कार्यकर्ता खुश होंगे: मिटकरी

शरद और अजित पवार एकसाथ आएं तो दोनों पार्टी के कार्यकर्ता खुश होंगे: मिटकरी

शरद और अजित पवार एकसाथ आएं तो दोनों पार्टी के कार्यकर्ता खुश होंगे: मिटकरी
Modified Date: April 21, 2025 / 10:17 pm IST
Published Date: April 21, 2025 10:17 pm IST

मुंबई, 21 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अमोल मिटकरी ने सोमवार को कहा कि यदि अजित पवार और शरद पवार एकसाथ आते हैं तो राकांपा और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के कार्यकर्ता बहुत खुश होंगे।

मिटकरी ने हालांकि दोनों नेताओं के बीच बैठकों के पीछे राजनीतिक एजेंडे की बात खारिज की। उनकी यह प्रतिक्रिया पुणे के सखार संकुल (चीनी परिसर) में एक बैठक में शरद पवार और अजित पवार के मंच साझा करने के बाद आयी है। चाचा-भतीजे की जोड़ी एक पखवाड़े में दो मौकों पर मिली है।

नवीनतम बैठक में वसंतदादा शुगर इंस्टीट्यूट के अधिकारी शामिल हुए थे।

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बैठक के बाद, अजित पवार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने और शरद पवार ने कृषि और चीनी उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर चर्चा की।

बैठकों को लेकर जारी चर्चाओं को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए मिटकरी ने कहा कि अजित पवार और शरद पवार कई शैक्षिक और सहकारी संस्थाओं के सदस्य हैं।

मिटकरी ने अकोला में एक मराठी समाचार चैनल से कहा, ‘‘दोनों नेताओं के पास महाराष्ट्र के विकास के लिए एक दृष्टिकोण है। इस बैठक के पीछे कोई राजनीतिक मकसद देखने की जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि अगर दोनों नेता एकसाथ आते हैं तो राकांपा और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के कार्यकर्ता बहुत खुश होंगे।

राकांपा के विधान परिषद सदस्य मिटकरी ने कहा, ‘‘हम सभी साहेब (शरद पवार) का सम्मान करते हैं। वह 50 साल से अधिक के अनुभव वाले वरिष्ठ नेता हैं। वह कई नेताओं से मिलते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि दोनों पार्टियों को एकसाथ नहीं आना चाहिए। लेकिन अगर ऐसा (दोनों नेताओं का एकसाथ आना) होता है, तो यह बहुत अच्छा होगा।’’

वहीं शिवसेना (उबाठा) ने सोमवार को कहा कि चाचा-भतीजा पहले ही साथ आ चुके हैं।

अटकलों पर प्रतिक्रिया जताते हुए महा विकास आघाडी (एमवीए) घटक कांग्रेस ने कहा कि ऐसी बैठकें सार्वजनिक हित में आयोजित की जा सकती हैं, जरूरी नहीं कि राजनीतिक कारणों से।

राज्य के सत्तारूढ़ खेमे की ओर से शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा यदि शरद पवार और अजित पवार अपने मतभेद भुलाकर हाथ मिला लें।

शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत ने कहा, ‘‘दोनों पवार (शरद पवार और अजित पवार) पहले ही साथ आ चुके हैं। क्या आपने हमें एकनाथ शिंदे से बात करते या उनके साथ सार्वजनिक मंच साझा करते देखा है? हम मुलाकात नहीं करेंगे।’’

राकांपा नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए राउत ने कहा, ‘‘हमारे पास शिक्षा और चीनी संस्थान नहीं हैं। हमारे पास वसंतदादा शूगर इंस्टीट्यूट, रयत शिक्षण संस्था, विद्या प्रतिष्ठान आदि (शरद पवार द्वारा संचालित) नहीं हैं।’’

कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि शरद पवार और अजित पवार सोच रहे होंगे कि चूंकि दो चचेरे भाईयों के एकसाथ आने की चर्चा है, तो चाचा-भतीजे के फिर से मिलने में क्या बुराई है?

उनका इशारा परोक्ष तौर पर चचेरे भाइयों उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के हालिया बयानों से शुरू हुई राजनीतिक मेल-मिलाप की अटकलों की ओर था।

शरद और अजित पवार के बीच ताजा बैठक के बारे में पूछे जाने पर वडेट्टीवार ने कहा, ‘ऐसी मुलाकातें जनहित में हो सकती हैं और जरूरी नहीं कि राजनीतिक कारणों से हों।’

शिरसाट ने कहा कि अगर पवार फिर से एक हो जाते हैं तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा।

राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा कि पार्टी प्रमुख अजित पवार और राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार के बीच सहकारी और शैक्षिक क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए विभिन्न संस्थानों में बैठकें होती हैं।

भाषा अमित माधव

माधव


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