IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: ‘दंतेवाड़ा डेनेक्स’ एक ऐसा नाम जहां आदिवासी महिलाएं महानगरों की तर्ज पर तैयार कर रहीं बड़े ब्रांड के कपड़े

IBC24 नारी रत्न सम्मान 2021: 'दंतेवाड़ा डेनेक्स' एक ऐसा नाम जहां आदिवासी महिलाएं महानगरों की तर्ज पर तैयार कर रहीं बड़े ब्रांड के कपड़े

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  • Publish Date - March 6, 2021 / 09:05 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

दंतेवाड़ा। बस्तर का दंतेवाड़ा जिला.. नक्सलियों के आतंक के लिए सुर्खियों में रहने वाले माई दंतेश्वरी की नगरी को गुजरते वक्त ने नई पहचान दी है.. दंतेवाड़ा डेनेक्स..यही नाम है उस पहल का ..जिसने जिले में संभावनाओं का नया द्वार तो खोला ही..साथ ही ब्रांड बस्तर को नई ऊचाइंयों पर पहुंचाया है.. जिला प्रशासन की मदद से 100 से ज्यादा स्थानीय आदिवासी महिलाएं महानगरों की तर्ज पर बड़े ब्रांड के कपड़े तैयार कर रही हैं..यहां मौजूद कपड़ा फैक्ट्री में हर अत्याधुनिक फैसिलिटी मौजूद है..यहां तैयार होने वाले कपड़े बड़े-बड़े ब्रांड को टक्कर दे रहे हैं..शुरूआत में महिलाओं को 45 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें कपड़ों को काटने, इस्त्री करने सिलाई, पैकेजिंग जैसी बेसिक चीजें सिखाई जाती हैं..दंतेवाड़ा जैसी जगह में महिलाओं को सशक्त करने के लिए दंतेवाड़ा डेनेक्स को ‘आईबीसी24 नारी रत्न सम्मान’ से नवाजा गया।

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हर घर को एक रोजगार देने के लक्ष्य के साथ दंतेवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई पहल पर इस पिछड़े इलाके की महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, महिला शक्ति की बदौलत ही राज्य सरकार के निर्देश पर इस अत्यंत नक्सल प्रभावित इलाके में कपड़ों की सिलाई और एक नए ब्रांड के कपड़े की लॉन्चिंग की गई है, दंतेवाड़ा जिले के नाम पर ही इसका नाम रखा गया है जहां महानगरों की तर्ज पर अत्याधुनिक सिलाई मशीनों पर स्थानीय आदिवासी महिलाओं के हाथ बड़े ब्रांड के कपड़े तैयार कर रहे हैं, प्रशासन की कोशिश है कि अलग-अलग कंपनियों से साझा समझौता कर महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दिया जाए। इसके लिए अलग-अलग महिलाओं का समूह निरंतर मेहनत कर रहा है।

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इस नए प्रयोग ने महिलाओं को रोजगार के अच्छे अवसर दिए हैं फिलहाल 110 से अधिक महिलाएं निरंतर काम कर रही हैं और जल्द ही उन्हें अच्छा खासा पैकेज भी मिलने लगेगा 300 परिवारों को रोजगार देने के लक्ष्य से यह योजना शुरू की गई है इनमें शुरुआत में महिलाओं को 45 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें कपड़ों को काटना इस्त्री करना सुनिश्चित सिलाई, पैकेजिंग जैसी बेसिक चीजें सिखाई जाती हैंं। इसके बाद इस वस्त्र उद्योग में बढ़-चढ़कर वह अपना काम कर सकते हैं दंतेवाड़ा की महिलाएं नक्सल प्रभावित इलाकों में एक नई संभावना का द्वार खोल रही हैं जिसमें वे भी महानगरों की तर्ज पर गुणवत्ता पूर्वक कार्य कर आजीविका कमा सकते हैं।