एक रामभक्त ऐसा भी..! सीताराम नाम के अक्षरों से लिखी पूरी रामायण, 1200 पन्ने की है ये पूरी रामचरितमानस

एक रामभक्त ऐसा भी..! सीताराम नाम के अक्षरों से लिखी पूरी रामायण, 1200 पन्ने की है ये पूरी रामचरितमानस

Ramayana written with the letters of Sitaram's name

Modified Date: January 20, 2024 / 07:55 pm IST
Published Date: January 20, 2024 7:55 pm IST

Ramayana written with the letters of Sitaram’s name : बैतूल। महृषि वाल्मीकि  रामायण को तो आपने कई बार देखा और पढा होगा लेकिन आज हम आपको मिलवाते हैं कलयुग के सबसे बड़े राम भक्त से जो पेशे से किसान हैं लेकिन इन्होंने जो रामचरित मानस लिखी है। उसमे खास बात ये है की इसने रामायण का एक एक अक्षर सीता राम नाम से बना हुआ है। बैतूल के केदार पटेल साल 1997 से करोड़ों बार सीताराम नाम लिख चुके हैं। सीताराम नाम के अक्षरों से केदार पटेल ने रामायण के अलावा सुन्दरकाण्ड भी लिखा है और कई सुंदर चित्र भी बनाए हैं। केदार पटेल के घर के हर कोने पर रामायण की चौपाइयां लिखी हैं वहीं केदार सिंह के परिवार में सभी के नाम भगवान के नाम से जुड़े हैं।

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Ramayana written with the letters of Sitaram’s name : केदार सिंह चंदेल ने बताया की शुरुवात में वे अयोध्या से जो प्रिंट वाले कागज आते थे उनमें राम नाम भर कर भेजा करते थे। हमारे एक मित्र जो बैतूल में रहते हैं और हमारे गुरु जी उनकी प्रेरणा हुई कि आप कुछ नया करें थोड़ा लिख तो अच्छा लगा फिर मैं सुंदरकांड लिखना प्रारंभ किया सुंदरकांड 2 महीने में लिख करके कंप्लीट कर दिया था मैंने सोचा कि हनुमान जी की कृपा ऐसी है कि वह पूरी रामायण लिखवाना चाहते हैं तो फिर मैं नए सिरे से बाल कांड से रामायण लिखना प्रारंभ किया इसकी शुरूआत मैने 1997 से की थी मेरी लेखनी मन कर्म और वचन से होती थी उसे लिखने में कुछ अलग ही आनंद आता था। लिखने बैठता था तब मेरे उठने की इच्छा नहीं होती थी तब मैं अपनी खेती बाड़ी किया करता था बच्चे लोग भी छोटे थे फिर भी प्रभु की इच्छा ऐसी रही कि वह सब काम चलते रहा।

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मैं 1200 पाने की पूरी रामचरितमानस तुलसीदास द्वारा रचित कंप्लीट कर दी है। प्रयागराज के मेरे गुरु निर्मल जी है उन्होंने मुझे कहा कि अब वाल्मिकी रामायण लिखकर के देखो वह लिखना कठिन काम है लेकिन मेरी भी इच्छा उसे लिखने की है मुझे बहुत खुशी हो रही है कि हमारे भगवान टेंट में थे अब वह महल में विराज रहे हैं अंतरात्मा से खुशी है और इच्छा यह है कि इसकी एक प्रतीक बन जाए तो एक प्रति अयोध्या भिजवाऊंगा। राम जी मेरे इश्क है और राम जी की कृपा से मेरे घर के भी काम होते रहे और मेरा यह भी काम होते रहा दीवार के सभी सदस्यों ने मेरा सहयोग किया है सभी राम नाम पढ़ते हैं।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years