Chaitra Navratri 2022: Recite Durga Saptashati in Navratri? poverty will go away

Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में करें दुर्गा सप्तशती का पाठ? गरीबी हो जाएगी दूर, लेकिन मालूम होना चाहिए ये 6 नियम

Chaitra Navratri 2022: मां दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। माता भक्तों के दुख पल भर में ही हर लेते हैं

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : March 29, 2022/12:40 pm IST

धर्म।  Chaitra Navratri 2022:  चैत्र नवरात्रि शुरू होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। नवरात्रि में पूरे 9 दिन दुर्गा मां के 9 स्वरूपों की पूजा होती है। यूं तो मां दुर्गा की रोजाना पूजा करना बेहद शुभफल होता है, लेकिन नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। माता भक्तों के दुख पल भर में ही हर लेते हैं।

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अगले महीने के 2 तारीख से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हो रही है। इन 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के सप्तशती का पाठ करने से मनुष्य के सभी तरह के कष्ट और परेशानियां दूर हो जाते हैं। वहीं कई नियमों का भी पालन करना जरूरी होता है। चलिए आपको बताते हैं।

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Chaitra Navratri 2022: दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय होते हैं। इन 13 अध्याय को नवरात्रि के दौरान काफी नियम से पढ़ा जाता है। सच्चे मन से माता की आराधना करने से गृह कलेश और धन संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं। आपको बात दें कि दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के कुछ नियम भी होते हैं जिनके बारे में पता होना चाहिए।

पहला नियम- दुर्गा सप्तशती पुस्तक को कभी भी हाथ में लेकर पाठ ना करें। शास्त्रों में पुस्तक को कभी भी हाथ में लेकर पाठ नहीं करना चाहिए। पुस्तक को या तो व्यासपीठ में रखकर पाठ करें या फिर लाल रंग के कपड़े के ऊपर रखकर पाठ करें।

दूसरा नियम- दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय आपको विराम नहीं लेना चाहिए। जब भी आप दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करें तो बीच में रुकना नहीं चाहिए। आप एक अध्याय समाप्त होने के बाद 10 से 15 सेकेंड का विराम ले सकते हैं।

तीसरा नियम- दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय इस बाद का ख्याल रखें कि आपकी गति ना तो बहुत ज्यादा तेज होनी चाहिए और ना ही बहुत ज्यादा धीरे। मध्यम गति में आपको दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। पाठ करते समय शब्द बिल्कुल स्पष्ठ सुनाई दे।

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चौथा नियम- दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले आसान में बैठते समय सबसे पहले खुद की शुद्धि करें, उसके बाद ही सप्तशती का पाठ शुरू करें।

पांचवा नियम- दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले पुस्तक को नमन और ध्यान करें। इसके बाद पुस्तक को प्रणाम करें और पाठ शुरू करें।

छठा नियम- यदि एक दिन में पूरा पाठ न किया जा सके, तो पहले दिन केवल मध्यम चरित्र का पाठ करें और दूसरे दिन शेष 2 चरित्र का पाठ करें। या फिर दूसरा विकल्प यह है कि एक, दो, एक चार, दो एक और दो अध्यायों को क्रम से सात दिन में पूरा करें।

 
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