Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat: किस समय पर करें गणेश जी की स्थापना, क्या है पूजा विधि, एक क्लिक में जानें सबकुछ

Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat: गणेश चतुर्थी पर गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर दोपहर को 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat: किस समय पर करें गणेश जी की स्थापना, क्या है पूजा विधि, एक क्लिक में जानें सबकुछ

Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat/Image Credit: IBC24 File Photo

Modified Date: August 27, 2025 / 06:46 am IST
Published Date: August 27, 2025 6:46 am IST

नई दिल्ली: Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat: हर साल पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दस दिनों तक चलने वाले गणेशोत्स्व की शुरआत भादो शुक्ल चतुर्थी पर होती है। गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है। इस दौरान साधक भगवान गणेश को अपने घर लाते हैं और उनकी विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। इस बार गणेशोत्स्व का शुभारंभ 27 अगस्त 2025 बुधवार यानी आज से हो रहा है।

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गणपति स्थापना का मुहूर्त

Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat:  हिंदू पंचांग के अनुसार, 27 अगस्त बुधवार को शुरू हो रहे गणेश चतुर्थी पर गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर दोपहर को 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। यह समय गणपति की स्थापना और पूजा के लिए उत्तम रहेगा। हालांकि अलग-अलग शहरों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा का सबसे उत्तम मुहूर्त थोड़ा अलग रहेगा।

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गणेश स्थापना की पूजा विधि

Ganesh Chaturthi 2025 Shubh Muhurat:  सबसे पहले घर के पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें और उसे फूल, रंगोली व सजावटी वस्तुओं से सुंदर बनाएं।
शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा को एक वेदी (चौकी) पर स्थापित करें। वेदी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाएं।
पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, अक्षत (चावल) और फूल लेकर व्रत व पूजा का संकल्प करें।
‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करते हुए गणपति बाप्पा का आह्वान करें।
भगवान की प्रतिमा को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं।
इसके बाद उन्हें नए वस्त्र, पुष्प और आभूषण पहनाएं।
गणेश जी को उनका प्रिय भोग मोदक और लड्डू चढ़ाएं. साथ ही दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर अर्पित करें।
अंत में पूरे परिवार के साथ गणपति जी की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।

गणेश जी को “विघ्नहर्ता” और “सिद्धि विनायक” का स्वरूप माना गया। कहा जाता है कि इस दिन उनकी आराधना करने से हर कार्य में सफलता और समृद्धि मिलती है।


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