Gita Jayanti 2025: 1 या 2 दिसंबर, कब मनाई जाएगी गीता जयंती? घर पर ऐसे करें पूजा, श्रीकृष्ण देंगे हर संकट से मुक्ति और मोक्ष का वरदान..
हिन्दू धर्म में गीता जयंती वह पावन दिन है जब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का दिव्य उपदेश दिया था। यह जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है इस दिन गीता के उपदेश सुनने से मोक्ष की प्राप्ति होती है इसलिए इसे मोक्षदा एकादशी भी कहा जाता है। 1 यां 2 दिसंबर, कब है गीता जयंती? आईये जानते हैं..
Gita Jayanti 2025/Image Source: IBC24
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Gita Jayanti 2025: हिन्दू धर्म में गीता जयंती एक पवित्र पर्व हैं, जो हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महाभारत में युद्ध शुरू होने से ठीक पहले, श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का दिव्य उपदेश दिया था। इस दिन व्रत, पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं इसलिए इसे “मोक्षदा एकादशी” भी कहा जाता है। श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है, जिसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं।
Gita Jayanti 2025: कब मनाई जाएगी गीता जयंती?
वैदिक पंचांग के अनुसार, 2025 में, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 30 नवंबर रात 9 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी, जो कि 1 दिसंबर शाम 7 बजकर 01 मिनट पर ख़त्म होगी। उदयातिथि 1 दिसम्बर को होने के वजह से गीता जयंती 1 दिसंबर 2025 (सोमवार) को ही मनाई जायेगी।
हिन्दू धर्म में श्रीमद्भगवद्गीता को सार माना जाता है। महाभारत के दौरान, श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया हुआ ज्ञान आज भी लोगों की राह को मार्ग दर्शित करता है। इसमें कर्मयोग, भक्ति योग, ज्ञान योग तथा राजयोग का अद्भुत समन्वय है। आइये आपको बताते हैं किस प्रकार इस सरल विधि से घर पर करें पूजा और पाएं सभी पापों से मुक्ति..
गीता जयंती 2025 पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर सफ़ेद यां पीले वस्त्र धारण करें।
- पूजा की चौंकी पर श्रीकृष्ण जी की अर्जुन को उपदेश देते हुए एक फोटो स्थापित करें। यदि उपदेश देते हुए फोटो न हो तो श्रीकृष्ण – राधा जी की फोटो / मूर्ति रखें और श्रीमद्भगवद्गीता स्थापित करें।
- श्रीमद्भगवद्गीता को पीले कपड़े से लपेटें, तिलक लगाएं, अक्षत और फूल चढ़ाएं।
- घी का दीपक जलाएं। धूब यां अगरबत्ती करें।
- माखन- मिश्री, पंचमेवा तथा तुलसी दल का भोग लगाएं।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” यां “ॐ श्री परमात्मने नमः” मंत्र का जाप करें।
- भगवद्गीता के सम्पूर्ण 18 अध्यायों का पाठ करें।
- गीता माहात्म्य वाले 7 श्लोकों वाली कथा सुनने मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिलती है और अंत समय में वैकुण्ठ के द्वार खुलते हैं।
- श्रीकृष्ण जी की आरती “ॐ जय जगदीश हरे” करें और प्रसाद वितरण करें।
Gita Jayanti 2025: गीता जयंती का महत्त्व
- श्रीमद्भगवद्गीता को “मानव जीवन का मार्गदर्शन ग्रन्थ” कहा जाता है।
- हिन्दू शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन भगवद्गीता के सम्पूर्ण 18 अध्यायों का पाठ करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही अंत में वैकुण्ठ धाम की प्राप्ति होती है।
- पद्मपुराण के अनुसार, यदि इस दिन गीता ग्रन्थ का सम्पूर्ण पाठ न कर सको तो गीता के मात्र एक श्लोक के उच्चारण से व्यक्ति को 1000 गोदान के फल की प्राप्ति होती है।
Disclaimer:- उपरोक्त लेख में उल्लेखित सभी जानकारियाँ प्रचलित मान्यताओं और धर्म ग्रंथों पर आधारित है। IBC24.in लेख में उल्लेखित किसी भी जानकारी की प्रामाणिकता का दावा नहीं करता है। हमारा उद्देश्य केवल सूचना पँहुचाना है।
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