Shmashan Ki Holi : यहां खेली जाती है मुर्दों की राख से होली, अघोरी-साधु होते हैं शामिल, उत्सव देखने आते हैं विदेशों के हजारों लोग..

Mahashmashan Par Murdo Ki Rakh Se Holi : यहां रंग और गुलाल के साथ श्मशान में चिता की भस्म से भी होली खेली जाती है।

Shmashan Ki Holi : यहां खेली जाती है मुर्दों की राख से होली, अघोरी-साधु होते हैं शामिल, उत्सव देखने आते हैं विदेशों के हजारों लोग..

Mahashmashan Par Murdo Ki Rakh Se Holi

Modified Date: March 4, 2024 / 05:28 pm IST
Published Date: March 4, 2024 5:24 pm IST

Mahashmashan Par Murdo Ki Rakh Se Holi : मार्च के महीने की शुरुआत हो चुकी है। धार्मिक दृष्टि से यह महीना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। खासतौर पर होली जैसा बड़ा पर्व इस माह में मनाया जाता है। होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा। इसलिए रंगनी धूलिवंदन 25 मार्च को खेला जा सकता है। देशभर में रंगों के साथ होली मनाई जाती है। देश में कई तरह की होली खेली जाती है। मथुरा वृंदावन में लठ मार, फूलों की होली तो एक ऐसी जगह हैं जहां मुर्दों की राख से भी होली खेली जाती है।

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Mahashmashan Par Murdo Ki Rakh Se Holi : बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में होली का अपना अलग ही मजा है। यहां रंग और गुलाल के साथ श्मशान में चिता की भस्म से भी होली खेली जाती है। जलती चिताओं के बीच होली का ये अद्भुत और अनोखा रंग पूरे दुनिया में सिर्फ काशी में ही देखने को मिलता है। वाराणसी के महाश्मशान हरिश्चन्द्र और मणिकर्णिका घाट पर हर साल ये होली खेली जाती है। रंगभरी एकादशी के दिन हरिश्चंद्र घाट और उसके एक दिन बाद मणिकर्णिका घाट पर भगवान भोले के भक्त श्मशान में होली खेलते हैं। बता दें कि यहां होली की ये परंपरा 300 साल से ज्यादा पुरानी है।

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महाश्मशान होली होती है खास

-इसके लिए सबसे पहले आपको रंग भरी एकादशी यानी 20 मार्च को काशी पहुंच जाना है।

-बनारस में महाश्मशान होली से पहले हरिशचंद्र घाट पर दोपहर में बाबा महाश्मशान नाथ और माता मशान काली की आरती की जाती है और फिर इन्हें चिता भस्म और गुलाल चढ़ाया जाता है।
-इसके बाद से शुरू होती है भस्म होली और माना जाता है दोपहर के समय मणिकर्णिका घाट बाबा विश्वनाथ स्नान करने आते हैं और होली खेलते हैं।
-इसी दौरान आप पाएंगे कि लोग शिव गणों की तरह साधु और अघोरियों के साथ मिलकर मसान होली खेलते हैं।
-इसके बाद आप ये रंग 25 मार्च यानी होली के दिन तक यहां देखेंगे।

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years