Kuber Dev ki Aarti : इस दिवाली और धनतेरस पर बना महायोग, ज़रूर करें कुबेर देव की ये ख़ास आरती और मंत्रों का जाप, धन की होगी ऐसी वर्षा की संभालना हो जायेगा मुश्किल

Kuber Dev ki Aarti : इस दिवाली और धनतेरस पर बना महायोग, ज़रूर करें कुबेर देव की ये ख़ास आरती और मंत्रों का जाप, धन की होगी ऐसी वर्षा की संभालना हो जायेगा मुश्किल

kuber dev ki aarti

Modified Date: August 3, 2024 / 12:51 pm IST
Published Date: August 3, 2024 12:51 pm IST

Kuber Dev ki Aarti : कुबेर एक हिन्दू पौराणिक पात्र हैं जो धन के स्वामी (धनेश) व धनवानता के देवता माने जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कुबेर लंकापति रावण के सौतेले भाई हैं। रावण की मृत्यु के बाद कुबेर को ही असुरों का नया सम्राट बनाया। हिन्दू धर्म में कुबेर को धन का देवता माना गया है। धनतेरस और दीपावली पर माता लक्ष्मी और श्रीगणेश के साथ इनकी भी पूजा होती है। इनकी आरती और मंत्रों का जाप करने से साधक के जीवन में सुख समृद्धि और धन धन्य की कभी कमी नहीं होती

 

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Kuber Dev ki Aarti  : कुबेर मंत्र  (Kuber Mantra)
– ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
– ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
– ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥

Kuber Dev ki Aarti : ॥ आरती श्री कुबेर जी की ॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे।

शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

योगिनी मंगल गावैं,सब जय जय कार करैं॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥

गदा त्रिशूल हाथ में,शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।

दुख भय संकट मोचन,धनुष टंकार करें॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥

भाँति भाँति के व्यंजन बहुत बने,स्वामी व्यंजन बहुत बने।

मोहन भोग लगावैं,साथ में उड़द चने॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥

Kuber Dev ki Aarti

बल बुद्धि विद्या दाता,हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े

अपने भक्त जनों के,सारे काम संवारे॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥

मुकुट मणी की शोभा,मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।

अगर कपूर की बाती,घी की जोत जले॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे।

कहत प्रेमपाल स्वामी,मनवांछित फल पावे॥

ऊं जै यक्ष कुबेर हरे…॥

॥ इति श्री कुबेर आरती ॥

 

 

 

 


लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.