धर्म। Mauni Amavasya : कालसर्प दोष जीवन संघर्ष लाता है। ऐसे में जिन जातकों की कुंडली कालसर्प दोष है। वे माघ मास की अमावस्या यानि मौनी अमावस्या विधि विधान से नाग-नागिन की पूजा करने से दोष से मुक्ति पा सकते हैं। ज्योतिष की माने तो ऐसे जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण कार्य समय पर पूरे नहीं होते हैं। वहीं बार-बार निराशा हाथ लगती है।
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ऐसे में जरूरी है कि 1 फरवरी को मौनी अमावस्या पड़ रहा है। इस दिन आवश्यक रूप से नियमों का पालन करते हुए पूजा करें। निश्चित रूप से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलेगी। चलिए आपको बताते हैं 5 उपाय।
मान्यताओं के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती है और उन्हें शांति मिलती है। जिससे वे खुश होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं। इसलिए इस दिन लोग नदी पर जाकर अपने पितरों को तर्पण देते हैं। इस दिन पर दान करने का भी काफी महत्व बताया गया है।
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पहला – चांदी के नाग-नागिन की पूजा करें
चांदी के नाग-नागिन की पूजा करने से इस दोष से राहत मिलती है। पूजा के बाद नाग-नागिन के इन स्वरूपों को सफेद फूलों के साथ नदी में प्रवाहित कर दें।
दूसरा – नदी में करें स्नान
इस दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। शिव कृपा से कालसर्प दोष दूर हो सकता है।
तीसरा – घी का दीपक जलाए
Mauni Amavasya : मौनी अमावस्या के दिन सायं के समय तुलसी के पौधे के समीप घी का दीपक लगाएं और 108 परिक्रमा करें। इससे जीवन में सात्विकता आने के साथ ही समस्त प्रकार के संकटों का नाश होता है।
चौथा – दीपक में केसर की पत्तियां डाल दें
चौथा उपाय यह है कि घर के ईशान कोण में शाम को गाय के घी का दीपक जलाएं। दीपक में रुई की बत्ती की जगह लाल धागे का उपयोग करें। दीपक में केसर की पत्तियां डाल दें, इससे भी लाभ होगा।
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पांचवां – महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की आराधना करना महत्वर्पूण होता है। उनके आशीर्वाद से ही दोष से राहत मिलती है। इस दिन आप 1008 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। इस दौरान भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक कराएं। इस पूजा से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होगी।
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि प्रारम्भ : जनवरी 31, 2022 को दोपहर 02:18 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त : फरवरी 01, 2022 को सुबह 11:15 बजे
मौनी अमावस्या पर स्नान और दान : फरवरी 01 को सुबह 11.15 बजे तक
इन कामों से बचे
आज के दिन लड़ाई-झगड़े और वाद-विवाद से बचना चाहिए। इस दिन कड़वे वचन तो बिल्कुल नहीं बोलने चाहिए।
अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए इसलिए पूजा करें लेकिन पीपल के वृक्ष का स्पर्श ना करें। इससे धन की हानि होती है।
इस दिन शराब, मांस के सेवन इत्यादि से दूर रहें और सादा भोजन करें। ज्यादा से ज्यादा समय तक मौन रहकर ध्यान लगाएं।
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