प्रदोष व्रत आज: शाम की पूजा का होता है विशेष महत्व, जानें विधि | Pradosha fast is auspicious, learn law and religious significance

प्रदोष व्रत आज: शाम की पूजा का होता है विशेष महत्व, जानें विधि

प्रदोष व्रत आज: शाम की पूजा का होता है विशेष महत्व, जानें विधि

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 02:04 AM IST, Published Date : May 19, 2020/5:11 am IST

धर्म। प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है, एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। मई माह की 19 तारीख दिन मंगलवार को यह व्रत पड़ रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज का दिन बेहद ही शुभ है। आज वीर हनुमान का वार भी है। ऐसे में इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा करने से मंगलकारी होगा।

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बता दें कि इस समय ज्येष्ठ माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है और किसी भी पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन यह व्रत रखा जाता है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है। उनकी पूजा से भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तों की सभी मनोकामनाओं भी पूर्ण होती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव प्रदोषकाल में कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं।

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प्रदोष व्रत विधि

सुबह जल्दी उठने के बाद प्रात: काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर भगवान शिव की पूजा करें। उन्हें पुष्प अक्षत्, भांग, धतूरा, सफेद चंदन, गाय का दूध, धूप आदि अर्पित करें। ॐ नम: शिवाय का जप करें। शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में शिव आरती करें।अर्पित किए फल का भोग लगाने के बाद उसका प्रसाद बांटे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत में शाम की पूजा का विशेष महत्व होता है।

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प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव खुश होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शिव की कृपा से तमाम तरह के कष्टों और दुखों से छुटकारा मिल जाता है।

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