Ram Navami : रामनवमी पर करें इन मन्त्रों का उच्चारण व राम जी की पसंदीदा आरती,, सुख समृद्धि के साथ पाएं प्रभु श्री राम का विशेष आशीर्वाद
Chant these mantras and favorite aarti of Lord Ram on Ram Navami, get special blessings of Lord Shri Ram along with happiness and prosperity
Ram Navami 2025 Wish/ Image Credit: IBC24 File
Ram Navami : हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुनः स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। इस वर्ष २०२५ में रामनवमी रविवार 06 अप्रैल को है। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जो अप्रैल-मई में आता है। इसी दिन का उत्सव मनाने के लिए हर साल चैत्र माह में नवरात्र की नवमी तिथि पर रामनवमी मनाई जाती है।
मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम साहस और वीरता का पर्याय थे। उनकी आराधना से व्यक्ति में अदम्य साहस का संचार होता है। श्री राम की छवि मर्यादा पुरुषोत्तम की छवि है जिनके पूजन से घर में सुख और सौभाग्य का वातावरण निर्मित होता है। इस लिए भगवान राम के आशीर्वाद को पाने के लिए रामनवमी तिथि पर विधिवत भगवान श्रीराम की पूजा करनी चाहिए। पूजा के साथ ही भगवान श्रीराम के नामों का मंत्र जप करने का भी विधान है।
Ram Navami : यहाँ प्रस्तुत हैं भगवान् श्री राम के 108 कल्याणकारी मंत्र और आरती
1. ॐ परस्मै ब्रह्मने नम:
2. ॐ सर्वदेवात्मकाय नमः
3. ॐ परमात्मने नम:
4. ॐ सर्वावगुनवर्जिताया नम:
5. ॐ विभिषनप्रतिश्थात्रे नम:
6. ॐ जरामरनवर्जिताया नम:
7. ॐ यज्वने नम:
8. ॐ सर्वयज्ञाधिपाया नम:
9. ॐ धनुर्धराया नम:
10. ॐ पितवाससे नम:
11. ॐ शुउराया नम:
Ram Navami
12. ॐ सुंदराया नम:
13. ॐ हरये नम:
14. ॐ सर्वतिइर्थमयाया नम:
15. ॐ जितवाराशये नम:
16. ॐ राम सेतुक्रूते नम:
17. ॐ महादेवादिपुउजिताया नम:
18. ॐ मायामानुश्हा चरित्राया नम:
19. ॐ धिइरोत्तगुनोत्तमाया नम:
20. ॐ अनंतगुना गम्भिइराया नम:
21. ॐ राघवाया नम:
22. ॐ पुउर्वभाश्हिने नम:
23. ॐ मितभाश्हिने नम:
24. ॐ स्मितवक्त्राया नम:
25. ॐ पुरान पुरुशोत्तमाया नम:
26. ॐ अयासाराया नम:
27. ॐ पुंयोदयाया नम:
28. ॐ महापुरुष्हाय नम:
29. ॐ परमपुरुष्हाय नम:
30. ॐ आदिपुरुष्हाय नम:
31. ॐ स्म्रैता सर्वाघा नाशनाया नम:
Ram Navami
32. ॐ सर्वपुंयाधिका फलाया नम:
33. ॐ सुग्रिइवेप्सिता राज्यदाया नम:
34. ॐ सर्वदेवात्मकाया परस्मै नम:
35. ॐ पाराया नम:
36. ॐ पारगाया नम:
37. ॐ परेशाया नम:
38. ॐ परात्पराया नम:
39. ॐ पराकाशाया नम:
40. ॐ परस्मै धाम्ने नम:
41. ॐ परस्मै ज्योतिश्हे नम:
42.ॐ सच्चिदानंद विग्रिहाया नम:
43. ॐ महोदराया नम:
44. ॐ महा योगिने नम:
45. ॐ मुनिसंसुतसंस्तुतया नम:
46. ॐ ब्रह्मंयाया नम:
47. ॐ सौम्याय नम:
48. ॐ सर्वदेवस्तुताय नम:
49. ॐ महाभुजाय नम:
50. ॐ महादेवाय नम:
51. ॐ राम मायामारिइचहंत्रे नम:
Ram Navami
52. ॐ राम मृतवानर्जीवनया नम:
53. ॐ सर्वदेवादि देवाय नम:
54. ॐ सुमित्रापुत्र सेविताया नम:
55. ॐ राम जयंतत्रनवरदया नम:
56. ॐ चित्रकुउता समाश्रयाया नम:
57. ॐ राम राक्षवानरा संगथिने नम:
58. ॐ राम जगद्गुरवे नम:
59. ॐ राम जितामित्राय नम:
60. ॐ राम जितक्रोधाय नम:
61. ॐ राम जितेंद्रियाया नम:
62. ॐ वरप्रदाय नम:
63. ॐ पित्रै भक्ताया नम:
64. ॐ अहल्या शाप शमनाय नम:
65. ॐ दंदकारंय पुण्यक्रिते नम:
66. ॐ धंविने नम:
67. ॐ त्रिलोकरक्षकाया नम:
68. ॐ पुंयचारित्रकिइर्तनाया नमः
69. ॐ त्रिलोकात्मने नमः
70. ॐ त्रिविक्रमाय नमः
71. ॐ वेदांतसाराय नमः
Ram Navami
72. ॐ तातकांतकाय नमः
73. ॐ जामद्ग्ंया महादर्पदालनाय नमः
74. ॐ दशग्रिइवा शिरोहराया नमः
75. ॐ सप्तताला प्रभेत्त्रे नमः
76. ॐ हरकोदांद खान्दनाय नमः
77. ॐ विभीषना परित्रात्रे नमः
78. ॐ विराधवाधपन दिताया नमः
79. ॐ खरध्वा.सिने नमः
80. ॐ कौसलेयाय नमः
81. ॐ सदाहनुमदाश्रिताय नमः
82. ॐ व्रतधाराय नमः
83. ॐ सत्यव्रताय नमः
84. ॐ सत्यविक्रमाय नमः
85. ॐ सत्यवाचे नमः
86. ॐ वाग्मिने नमः
87. ॐ वालिप्रमाथानाया नमः
88. ॐ शरणात्राण तत्पराया नमः
89. ॐ दांताय नमः
90. ॐ विश्वमित्रप्रियाय नमः
91. ॐ जनार्दनाय नमः
Ram Navami
92. ॐ जितामित्राय नमः
93. ॐ जैत्राय नमः
94. ॐ जानकिइवल्लभाय नमः
95. ॐ रघुपुंगवाय नमः
96. ॐ त्रिगुनात्मकाया नमः
97. ॐ त्रिमुर्तये नमः
98. ॐ दुउश्हना त्रिशिरो हंत्रे नमः
99. ॐ भवरोगस्या भेश्हजाया नमः
100. ॐ वेदात्मने नमः
101. ॐ राजीवलोचनाय नमः
102. ॐ राम शाश्वताया नमः
103 ॐ राम चंद्राय नमः
104. ॐ राम भद्राया नमः
105. ॐ राम रामाय नमः
106. ॐ सर्वदेवस्तुत नमः
107. ॐ महाभाग नमः
108. ॐ मायामारीचहन्ता नमः
आरती कीजै श्री रघुवर जी की,सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।
दशरथ तनय कौशल्या नन्दन,सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।
अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन,मर्यादा पुरुषोतम वर की।
आरती कीजै श्री रघुवर जी की..
निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि,सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि।
हरण शोक-भय दायक नव निधि,माया रहित दिव्य नर वर की।
आरती कीजै श्री रघुवर जी की..
जानकी पति सुर अधिपति जगपति,अखिल लोक पालक त्रिलोक गति।
विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति,एक मात्र गति सचराचर की।
आरती कीजै श्री रघुवर जी की..
शरणागत वत्सल व्रतधारी,भक्त कल्प तरुवर असुरारी।
नाम लेत जग पावनकारी,वानर सखा दीन दुख हर की।
आरती कीजै श्री रघुवर जी की..
Ram Navami
राम जी की आरती
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,हरण भवभय दारुणम्।
नव कंज लोचन, कंज मुख करकंज पद कंजारुणम्॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन..
कन्दर्प अगणित अमित छवि,नव नील नीरद सुन्दरम्।
पट पीत मानहुं तड़ित रूचि-शुचिनौमि जनक सुतावरम्॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन..
भजु दीनबंधु दिनेशदानव दैत्य वंश निकन्दनम्।
रघुनन्द आनन्द कन्द कौशलचन्द्र दशरथ नन्द्नम्॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन..
सिर मुकुट कुंडल तिलकचारू उदारु अंग विभूषणम्।
आजानुभुज शर चाप-धर,संग्राम जित खरदूषणम्॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन..
इति वदति तुलसीदास,शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कंज निवास कुरु,कामादि खल दल गंजनम्॥
Ram Navami
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन..
मन जाहि राचेऊ मिलहिसो वर सहज सुन्दर सांवरो।
करुणा निधान सुजानशील सनेह जानत रावरो॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन..
एहि भाँति गौरी असीससुन सिय हित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनिमुदित मन मन्दिर चली॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन..
———-
Read more : यहाँ पढ़ें और सुनें

Facebook



