‘मुस्लिमों की खलीफा पद्धति की तरह हमारे यहां कभी नहीं हुआ’ खलीफा पद्धति को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान

धर्म के सा​थ राजनीतिक को जोड़कर लोग देख रहे हैं उसे आप कैसे देखते हैं! shankaracharya avimukteshwaranand big Statement

‘मुस्लिमों की खलीफा पद्धति की तरह हमारे यहां कभी नहीं हुआ’ खलीफा पद्धति को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान
Modified Date: February 2, 2023 / 08:14 pm IST
Published Date: February 2, 2023 8:14 pm IST

रायपुर: shankaracharya avimukteshwaranand पंडित धीरेंद्र शास्त्री को जोशी मठ जाकर चमत्कार दिखाने की नसीहत देने के बाद सुर्खियों में आए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आज IBC24 से कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान IBC24 के मैनेजिंग एडिटर परिवेश वात्स्यायन ने कई अहम मुद्दों पर सवाल किए। उन्होंने हिंदू राष्ट्र, अखंड भारत धर्म और सनातन धर्म सहित अन्य कई मुद्दों पर सवाल किए।

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shankaracharya avimukteshwaranand IBC24 के मैनेजिंग एडिटर परिवेश वात्स्यायन के तीखे सवालों का शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़े ही सौम्य,शालीन और बेबाकी से जवाब दिया। इस दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से पूछा गया कि धर्म के सा​थ राजनीतिक को जोड़कर लोग देख रहे हैं उसे आप कैसे देखते हैं?

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इस सवाल के जवाब में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमारा ये मानना है कि और धर्मों ने ये प्रयोग किए हैं, उन्होंने धर्म और राजनीति को जोड़कर देखा है। इस्लाम को मानने वाले कहते हैं कि हमारा खलीफा और राष्ट्राध्यक्ष एक होगा। उनकी जो खलीफा पद्धाति होती है उसमें धर्माचार्य ही राष्ट्राध्यक्ष होता है। हमारे यहां कभी भी सनातन धर्म में ऐसा नहीं रहा।

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हमारे यहां राजा अलग होता था और धर्माचार्य अलग होता था। राजा शासन करता था और कहीं राजा भटक जाए तो धर्माचार्य अंकुश लगाता था। हमारे यहां सदा से ये पद्धति रही है। राजा और धर्माचार्य कभी एक नहीं रहा और न ही इसे अच्छा माना गया है।

 

 

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