धर्म और सनातन धर्म क्या है…दोनों में कितना अंतर है? जानिए क्या कहते हैं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

अविमुक्तेश्वरानंद से पूछा किया गया कि धर्म क्या है और इसे सनातन धर्म से हम कैसे देखते हैं। Dharma aur Sanatan Dharma me kya antar hai

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  • Publish Date - February 2, 2023 / 07:57 PM IST,
    Updated On - February 2, 2023 / 08:00 PM IST

रायपुर: Dharma aur Sanatan Dharma me kya antar hai पंडित धीरेंद्र शास्त्री को जोशी मठ जाकर चमत्कार दिखाने की नसीहत देने के बाद सुर्खियों में आए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आज IBC24 से कई मुद्दों पर बात की। इस दौरान IBC24 के मैनेजिंग एडिटर परिवेश वात्स्यायन ने कई अहम मुद्दों पर सवाल किए। उन्होंने हिंदू राष्ट्र, अखंड भारत धर्म और सनातन धर्म सहित अन्य कई मुद्दों पर सवाल किए।

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Dharma aur Sanatan Dharma me kya antar hai IBC24 के मैनेजिंग एडिटर परिवेश वात्स्यायन के तीखे सवालों का शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़े ही सौम्य,शालीन और बेबाकी से जवाब दिया। इस दौरान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से पूछा गया कि धर्म क्या है और इसे सनातन धर्म से हम कैसे देखते हैं।

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इस सवाल के जवाब में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि धर्म जो है आत्मा की उन्नति का माध्यम है। हम कैसे अपने आप को स्वस्थ्य रखें, कैसे हम अपने मन को निश्चिंत रखें और समाज के लिए कैसे योगदान करने वाले बन जाएं। धरती पर भार ने बनें बल्कि किसी के भार को हरने वाले बन जाएं। इस तर​ह की कला अपने अंदर विकसीत करने का नाम ही धर्म है।

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वहीं, सनातन धर्म को लेकर उन्होंने कहा कि सनातन का मतलब है जो सदा रहे सना का मतलब है सदा, जो सदा रहे उसी का नाम सनातन धर्म है। ये जो मनुष्य की भावनाएं हैं कि हम ऊंचे उठेंगे। गलत काम करने से अपने आप हमारी नजरें नीची हो जाती है, हमारा आत्मबल कमजोर होने लगता है। एक दूसरे की मदद की भावना हमारे अंदर स्वाभाविक रूप से रहती है गलत को हम सहज रूप से गलत मानते हैं और सही को सहज रूप से सही मानते हैं। ये जो हमारी मूलभूत भावनाएं हैं ये सदा रही है और सदा रहने वाली है। इसी अर्थ में हम अपने धर्म का नाम सनातन कहते हैं।

 

 

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