Ayushman card: बदल गए आयुष्मान कार्ड के नियम, प्राइवेट अस्पताल में नहीं होगा इन बीमारियों का फ्री इलाज, जानें
Ayushman card rules have changed: दरअसल, आयुष्मान कार्ड से मरीज को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से कार्ड धारकों को ₹5 लाख तक की चिकित्सा एवं जांच की व्यवस्था मुफ्त में उपलब्ध होती है।
- सरकारी अस्पतालों में होगा इन बीमारियों का इलाज
- कमजोर वर्ग को 5 लाख रुपए तक के खर्च की बीमारी का इलाज
- प्राइवेट अस्पतालों में 3 बीमारियों का इलाज और ऑपरेशन दोनों बंद
आजमगढ़: Ayushman card rules changed, आम लोगों की चिकित्सा को लेकर संचालित भारत सरकार की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जारी आयुष्मान कार्ड को लेकर बड़ी खबर सामने आयी है। मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान कार्ड के जरिए अब कुछ बीमारियों को इलाज प्राइवेट अस्पतालों में निशुल्क नहीं हो सकेगा। इसके लिए आपको पेमेंट करना पड़ेगा।
दरअसल, आयुष्मान कार्ड से मरीज को सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से कार्ड धारकों को ₹5 लाख तक की चिकित्सा एवं जांच की व्यवस्था मुफ्त में उपलब्ध होती है।
वहीं अब इनके नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। जिसमें इस योजना के अंतर्गत कुछ बीमारियों का उपचार केवल और केवल सरकारी अस्पतालों में ही मुफ्त में हो सकेगा। प्राइवेट अस्पतालों में इन बीमारियों का इलाज करने के लिए अब आयुष्मान कार्ड मान्य नहीं होगा।
सरकारी अस्पतालों में होगा इन बीमारियों का इलाज
Ayushman card rules changed , स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्राइवेट अस्पतालों में 3 बीमारियों का इलाज और ऑपरेशन दोनों बंद किया गया है। इसमें मस्तिष्क, डिलीवरी और बच्चेदानी का ऑपरेशन शामिल है। इस तरह के इलाज की सुविधा अब केवल सरकारी अस्पतालों में ही मुफ्त में उपलब्ध हो सकेगी।
आयुष्मान योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारकों को अब इस तरह के बीमारियों का सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराना होगा। आयुष्मान योजना गरीबों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 5 लाख रुपए तक के खर्च की बीमारी या ऑपरेशन का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में भी मिल रहा है।
आपको बता दें कि आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत इस तरह के इलाज करने वाले मरीजों की संख्या काफी अधिक होती है। ऐसे में निजी अस्पतालों में यह सुविधा न मिलने से एक बार फिर मरीज को केवल सरकारी अस्पतालों में मौजूद सुविधाओं का ही सहारा मिलेगा।
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