Hindi Diwas: Why not start the signature in Hindi by breaking the chains of English

हिंदी दिवस: अंग्रेजी की जंजीरों को तोड़कर क्यों न हिंदी में किया जाए हस्ताक्षर की शुरूआत

Hindi Diwas: हिंदी दिवस मानने का मुख्य उद्देश्य यथोचित मातृभाषा के शब्द को सम्मान दिलाने काफी अहम माना जाता है

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:14 AM IST, Published Date : September 14, 2021/9:27 am IST

देश में आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। मातृभाषा हिंदी को 14 सितंबर 1949 को राजभाषा का दर्जा दिया गया और 1953 से हर साल 14 सिंतबर को हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। हिंदी दिवस मानने का मुख्य उद्देश्य यथोचित मातृभाषा के शब्द को सम्मान दिलाने काफी अहम माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदी के सामने अंग्रेजी भाषा का समकक्ष होना एक बड़ी चुनौती है।

वैसे हिंदी इतनी संपन्न और समृद्ध है कि उसे पहचानने और समझने के लिए किसी दिवस और पखवाड़े के तौर पर मानना काफी नहीं होगा। जरूरत है तो यहां अपने मातृभाषा की उपयोगिता को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की। जैसा कि ज्यादातार लोग का मनाना है ​कि हिंदी लिखना, पढ़ना और बोलना से ही मातृभाषा का विकास होगा।

वहीं हिंदी शब्द की प्रबल शुरूआत तो तभी जब अंग्रेजी की जंजीरों को तोड़कर हम हिंदी में हस्ताक्षर करेंगे। वहीं इसकी शुरूआत क्यों ना आज से ही किया जाए। हिंदी को पहचान दिलाने के लिए देश में जो संघर्ष हुए वो भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है। जो ये बताते हैं कि भारत के लिए हिंदी की महत्वता कितनी अहम है।

आजादी के समय अंग्रेजी को गुलामी का प्रतीक माना जाता था। कई क्षेत्रों में यह दावा किया गया कि वहां के स्थानीय लोग हिंदी नहीं समझ सकते हैं और वहां सरकारी काम काज भी अंग्रेजी में ही होता है। ऐसे में काफी अहम हो जाता है कि हिंदी को यहां ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए।

 
Flowers