बैडमिंटन: सिंधू, सेन राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में, श्रीकांत को कांस्य पदक

बैडमिंटन: सिंधू, सेन राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में, श्रीकांत को कांस्य पदक

बैडमिंटन: सिंधू, सेन राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में, श्रीकांत को कांस्य पदक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: August 8, 2022 12:24 am IST

बर्मिंघम, सात अगस्त (भाषा) विश्व रैंकिंग के पूर्व नंबर एक भारतीय खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष एकल बैडमिंटन स्पर्धा में रविवार को यहां कांस्य पदक जीता तो वहीं युवा लक्ष्य सेन और दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने फाइनल में जगह बनाकर स्वर्ण पदक की ओर कदम बढ़ाए।

इसके अलावा पुरुष युगल में सात्विकसाईराज और चिराग शेट्टी की भारतीय जोड़ी स्वर्ण पदक से एक जीत दूर है।

सेमीफाइनल में हार के बाद श्रीकांत कांस्य पदक के दावेदार थे लेकिन उन्हें इस पदक को जीतने के लिए काफी पसीना बहाना पड़ा। सिंगापुर के जिया हेंग तेह ने चोटिल होने के बाद भी गजब का जज्बा दिखाया।

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श्रीकांत ने इस मुकाबले को 21-15, 21-18 से जीतने के बाद रैंकिंग में 87वें स्थान पर काबिज खिलाड़ी के हौसले को सम्मान देते हुए गले लगया।

इससे पहले भारत की 27 साल की खिलाड़ी सिधू ने महिला एकल मैच में अपने बेहतर तकनीकी खेल की बदौलत सिंगापुर की यिओ जिया मिन को 49 मिनट चले मुकाबले में 21-19 21-17 से हराया।

विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज लक्ष्य ने हालांकि सिंगापुर के जिया के खिलाफ दूसरे गेम में लय गंवा दी। उन्होंने हालांकि वापसी करते हुए पुरुष एकल के सेमीफाइनल में 21-10, 18-21, 21-16 से जीत दर्ज की।

फाइनल में लक्ष्य के सामने मलेशिया के त्जे योंग की चुनौती होगी। योंग ने पुरुष एकल के दूसरे सेमीफाइनल में श्रीकांत को 13-21, 21-19, 21-10 से हराया।

चिराग और सात्विक की जोड़ी ने सेमीफाइनल में मलेशिया के चान पेंग सून और टैन कियान मेंग की जोड़ी को 21-6, 21-15 से आसानी से हराया।

महिला युगल में त्रिसा जॉली और गायत्री गोपीचंद को भी सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जोड़ी को मलेशिया की तान कोंग ली पीयर्ली और थिनाह मुरलीधरन की जोड़ी ने सीधे गेम में 21-13, 21-16 से हराया।

कांस्य पदक के प्ले ऑफ मैच में उनके सामने ऑस्ट्रेलिया की चेन हुआन-यू वेंडी और सोमरविले ग्रोन्या की चुनौती होगी।

बीस साल के लक्ष्य ने शुरुआती गेम में अपने आक्रामक खेल से विरोधी खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और आसानी से 1-0 की बढ़त कायम कर ली।

दूसरे गेम में जिया ने खेल की गति को कम कर के बेहतर शुरुआत की। ब्रेक के समय जिया के पास 11-9 की बढ़त थी, लेकिन लक्ष्य की गलतियों का फायदा उठाकर उन्होंने 16-9 की बढ़त बना ली।  लक्ष्य ने इसके बाद वापसी की लेकिन जिया ने तीन अंक से गेम अपने नाम कर लिय।

निर्णायक गेम में लक्ष्य को हर अंक के लिए मेहनत करनी पड़ी लेकिन उन्होंने 11-7 की बढ़त हासिल की और फिर चार मैच प्वाइंट हासिल किया। उन्होंने पहले मैच को ही भुनाकर मुकाबला अपने नाम कर लिया।

सेन ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैं दूसरे गेम में लय में हासिल नहीं कर सका लेकिन अंत में मैं परिणाम अपनी ओर करने में सफल रहा। पहले गेम में दर्शकों के समर्थन ने भी काफी मदद की।’’

इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों 2014 और 2018 में महिला एकल में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीतने वाली सिंधू साफ तौर पर दोनों प्रतिद्वंद्वियों के बीच बेहतर खिलाड़ी थीं।

सिंधू के बाएं पैर में हालांकि पट्टी बंधी थी जिससे उन्हें मूवमेंट में थोड़ी परेशानी हो रही थी। सिंगापुर की खिलाड़ी ने बेहतर शुरुआत करते हुए 8-4 की बढ़त बनाई लेकिन सिंधू ने वापसी करते हुए स्कोर बराबर कर दिया।

सिंधू ने ड्रॉप शॉट से अंक जुटाकर ब्रेक तक 11-9 की बढ़त बना ली थी।

यिओ जिया मिन ने इसके बाद कई गलतियां करते हुए सिंधू को अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका दिया जिससे भारतीय खिलाड़ी ने 19-12 की बढ़त बना ली।

सिंगापुर की खिलाड़ी ने वापसी करते हुए स्कोर 16-19 किया लेकिन इसके बाद नेट पर शॉट उलझा बैठी जिससे सिंधू को तीन गेम प्वाइंट मिले। यिओ जिया मिन ने दो गेम प्वाइंट बचाए लेकिन सिंधू ने तीसरे पर अंक जुटाकर गेम जीत लिया।

यिओ जिया मिन ने दूसरे हाफ में भी बेहतर शुरुआत की। सिंधू ने हालांकि लगातार पांच अंक के साथ बराबरी हासिल कर ली।

सिंधू स्मैश के साथ ब्रेक तक बढ़त बनाए हुए थी। सिंगापुर की खिलाड़ी ने इसके बाद शॉट बाहर मारा और एक शॉट नेट पर उलझाया जिससे सिंधू फाइनल में जगह बनाने से सिर्फ दो अंक की दूरी पर पहुंच गईं।

सिंधू को पांच मैच प्वाइंट मिले जिसमें से उन्होंने दो गंवाए लेकिन फिर दमदार स्मैश के साथ फाइनल में जगह बनाई।

भाषा   आनन्द मोना

मोना


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