हरफनमौलाओं पर जोर, लगातार बदलाव पर पूर्व खिलाड़ियों ने उठाये सवाल
हरफनमौलाओं पर जोर, लगातार बदलाव पर पूर्व खिलाड़ियों ने उठाये सवाल
नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) पूर्व खिलाड़ियों अनिल कुंबले और वेंकटेश प्रसाद ने दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट श्रृंखला में 0 . 2 से मिली हार के बाद भारतीय टीम के रवैये, स्थिरता के अभाव और हरफनमौलाओं पर अत्यधिक निर्भरता की आलोचना की है ।
दक्षिण अफ्रीका ने भारत को दूसरे टेस्ट में 408 रन से हराया जो रनों के अंतर से भारत की सबसे बड़ी हार है ।
कुंबले ने मुख्य कोच गौतम गंभीर की टीम में लगातार बदलाव की रणनीति पर भी सवाल उठाये जिनके मार्गदर्शन में भारत को न्यूजीलैंड से पिछले साल 0 . 3 से पराजय झेलनी पड़ी । इसके अलावा आस्ट्रेलिया में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में हार मिली और अब 25 साल में पहली बार अपनी सरजमीं पर दक्षिण अफ्रीका से टीम हारी है ।
कुंबले ने आधिकारिक प्रसारक से कहा ,‘‘ टेस्ट मैच में अलग मानसिकता की जरूरत होती है । इतने सारे हरफनमौलाओं से काम नहीं चलता । बल्लेबाजी क्रम में इतने बदलाव काम नहीं आते । हर दूसरे मैच में नया खिलाड़ी आ रहा है और कुछ बाहर हो रहे हैं ।’’
पिछले साल विराट कोहली, रोहित शर्मा, आर अश्विन और चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था ।
कुंबले ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम को सोच विचार करने की जरूरत है । इन नतीजों को भूल नहीं सकते । आपको आपस में बात करनी होगी कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट को आगे कैसे ले जाना है । पिछले छह आठ महीने में दिग्गज रिटायर हुए हैं और ऐसा होने पर आपको आत्ममंथन करना चाहिये ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ आप इस उम्मीद में खिलाड़ियों को टीम में नहीं ला सकते कि वे सीखेंगे और उनका विकास होगा । ऐसा नहीं होता । एक या दो खिलाड़ी ऐसे हो सकते हैं बशर्ते आपके पास आठ नौ दमदार खिलाड़ी हों । लेकिन एक दो अनुभवी बल्लेबाज या गेंदबाज टीम में रखकर बाकी को सीखने का मौका देने के लिये नहीं रखा जा सकता ।’’
पूर्व तेज गेंदबाज प्रसाद ने कहा ,‘‘ टेस्ट क्रिकेट में भारत के रवैये से निराश हूं । हरफनमौलाओं पर इतना जोर देना समझ से परे है खासकर जब आप उनसे गेंदबाजी नहीं करा रहे । खराब रणनीति, खराब कौशल और हाव भाव से हम दो श्रृंखलाओं में सूपड़ा साफ करवा चुके हैं ।’’
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने कहा ,‘‘ भारत कभी अपनी धरती पर हारता नहीं है बशर्ते कुछ बहुत अच्छे खिलाड़ी आकर कोई खास पारी नहीं खेल जायें । पिछले कुछ साल में टेस्ट क्रिकेट में भारत को क्या हो गया है ।’’
भाषा मोना पंत
पंत

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