ध्यान हमेशा किफायती गेंदबाजी करने पर, विकेट लेने के बारे में कभी नहीं सोचा: राशिद खान

ध्यान हमेशा किफायती गेंदबाजी करने पर, विकेट लेने के बारे में कभी नहीं सोचा: राशिद खान

ध्यान हमेशा किफायती गेंदबाजी करने पर, विकेट लेने के बारे में कभी नहीं सोचा: राशिद खान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 pm IST
Published Date: September 20, 2020 12:36 pm IST

दुबई, 20 सितंबर (भाषा) राशिद खान इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेलने वाले खतरनाक गेंदबाजों में से एक हैं जिन्होंने तीन सत्र में 55 विकेट अपने नाम किये हैं लेकिन इस अफगानिस्तानी स्पिनर का कहना है कि उनका ध्यान विकेट लेने पर नहीं बल्कि किफायती गेंदबाजी करने पर लगा होता है।

सनराइजर्स हैदराबाद के लिये खेलने वाले दुनिया के नंबर एक टी20 गेंदबाज ने कहा, ‘‘कभी इतने सारे विकेट लेने के बारे में नहीं सोचा। ’’

आईपीएल में उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी इकोनोमी रेट 6.55 और औसत 21.69 है। राशिद ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ मैच से पहले मीडिया कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘‘मेरा ध्यान हमेशा टीम के लिये किफायती गेंदबाजी करने पर लगा होता है। जब मैं किफायती गेंदबाजी करता हूं तो दूसरे छोर के गेंदबाजों को विकेट लेने में मदद मिलती है। ’’

 ⁠

उन्होंने कहा, ‘‘मैं डॉट गेंद डालने और बल्लेबाजों पर दबाव डालने पर ध्यान लगाता हूं ताकि वह जोखिम ले सके। मेरा ध्यान टीम की जरूरतों पर होता है, जिससे टीम को मदद मिलती है, वह मेरे लिये महत्वपूर्ण है। ’’

बाईस साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि उनके पास पांच वैरिएशन हैं जिनसे वह बल्लेबाजों को हैरान करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास गेंद को पकड़ने के चार से पांच तरीके हैं। मैं विकेट के आधार पर इनका इस्तेमाल करता हूं। ये पांच ग्रिप मुझे अलग तरह से गेंदबाजी करने में मदद करती हैं क्योंकि हर तरह की गेंद अलग तरह से पिच करती है। ’’

राशिद ने कहा, ‘‘मैं इन्हें मिलाजुला कर इस्तेमाल करता हूं। मेरे पास वैराइटी है तो मुझे उनका बखूबी इस्तेमाल करने की जरूरत है। मैं अपनी ऊंगलियों और कंधों का इस्तेमाल तेजी लाने के लिये करता हूं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं नयी गेंद पर कड़ी मेहनत कर रहा हूं लेकिन जब तक मैं लंबे प्रारूप में नहीं खेलता, तब तक मैं इसमें सुधार नहीं कर सकता। लेकिन मैं नेट पर इसे परफेक्ट करने की कोशिश कर रहा हूं क्योंकि छोटे प्रारूप में गेंदबाजी करना मुश्किल होता है। ’’

भाषा नमिता पंत

पंत


लेखक के बारे में