होल्डिंग ने बीएलएम का सांकेतिक समर्थन न करने पर इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की आलोचना की | Holding criticises England and Australia for not supporting BLM as token

होल्डिंग ने बीएलएम का सांकेतिक समर्थन न करने पर इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की आलोचना की

होल्डिंग ने बीएलएम का सांकेतिक समर्थन न करने पर इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की आलोचना की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : September 11, 2020/10:32 am IST

मैनचेस्टर, 11 सितंबर (भाषा) महान तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने यहां चल रही सीमित ओवर की श्रृंखला के दौरान ‘ब्लैक लाइव्स मूवमेंट’ (बीएलएम – अश्वेत जिंदगी भी मायने रखती है) के समर्थन में एक घुटने के बल पर नहीं बैठने के लिये इंग्लैंड और आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीमों की आलोचना की।

वेस्टइंडीज के खिलाफ सभी तीन टेस्ट और आयरलैंड के खिलाफ वनडे में दोनों टीमों के खिलाड़ियों, अधिकारियों और सहयोगी स्टाफ ने मैच शुरू होने से पहले एक घुटने के बल बैठने की मुद्रा बनायी थी लेकिन पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैचों से पहले ऐसा नहीं किया।

वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज को यह बात पसंद नहीं आयी। हाल में उन्होंने खेल में नस्लवाद के अपने अनुभव के बारे में बताया था जिसकी काफी चर्चा हुई थी।

होल्डिंग ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘अब वेस्टइंडीज टीम स्वदेश लौट गयी है तो इसका यह मतलब यह नहीं है कि आपको इस संदेश का और इसका मतलब क्या है, उसका सम्मान नहीं करना चाहिए। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हां, अमेरिका में यह (नस्लवाद) अन्य स्थानों की तुलना में काफी ज्यादा है लेकिन पूरी दुनिया के लोगों ने इस अभियान को फैलाने और इस संदेश को देने की जिम्मेदारी उठायी कि अब बराबरी का समय है और यह समान न्याय का समय है। ’’

होल्डिंग इस अभियान के लिये काफी मुखर रहे हैं जो अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के जार्ज फ्लायड की मौत के बाद काफी तेज हो गया। इसके बाद दुनियाभर के खिलाड़ियों ने इस अभियान का समर्थन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह महज श्वेत बनाम अश्वेत नहीं था। इसलिये पाकिस्तान और इंग्लैंड का ऐसा नहीं करना ….. किसी भी टीम ने ऐसा नहीं किया और इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इस सदंर्भ में बड़ा बचकाना बयान दिया। ’’

होल्डिंग ने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में यह अब अश्वेत बनाम श्वेत का मामला नहीं रह गया है, यह मानवता के एकजुट होने का मामला है और फैसला करना, ‘ देखिये, हमें सभी से समानता से व्यवहार करने की जरूरत है’। ’’

आस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने श्रृंखला से पहले कहा था कि उनकी टीम एक घुटने के बल नहीं बैठेगी क्योंकि ‘विरोध से ज्यादा शिक्षा अहम है। ’’

होल्डिंग फिंच के विचार से सहमत नहीं थे, उन्होंने कहा, ‘‘फिंच ऐसा कह रहा है क्योंकि वह खुश है कि वह उस खेल का हिस्सा है जिसमें किसी को खेलने से रोका नहीं जाता, भले ही आपकी जाति, लिंग, धर्म कुछ भी हो। ’’

भाषा नमिता पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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